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पटवारी की धोखाधड़ी के खिलाफ 18 साल से न्याय की मांग, किसान अब भी भटक रहा

भिंड, ।  भिंड जिले के सिमराव गांव के किसान रामसेवक शर्मा पिछले 18 वर्षों से न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं। उनकी शिकायत के बावजूद संबंधित पटवारी आशीष त्रिपाठी पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। किसान का आरोप है कि पटवारी ने उनकी जमीन को बिना दस्तावेजी प्रमाणों के धोखे से दूसरे नाम पर कर दिया और अपनी मां और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर उसकी रजिस्ट्री करा ली। इस धोखाधड़ी के खिलाफ 2007 से शिकायत करते हुए किसान अब प्रदेश की वर्तमान सरकार से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।

### 2007 से चल रही है धोखाधड़ी की शिकायत

रामसेवक शर्मा, जो सिमराव गांव के निवासी हैं, ने बताया कि सर्वे क्रमांक 370 के अंतर्गत 2.70 हेक्टेयर जमीन उनके नाम पर दर्ज थी। 2007 में बिना किसी वैध दस्तावेज के एक हेक्टेयर जमीन भगवान सिंह के नाम कर दी गई, और इसके बाद पटवारी आशीष त्रिपाठी ने उक्त जमीन की रजिस्ट्री अपनी मां सियाकुमारी और पत्नी की मौसी रजनी के नाम करा दी। धोखाधड़ी की जानकारी मिलते ही रामसेवक ने वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हताश होकर उन्होंने थाने में एफआईआर दर्ज कराई, पर मामला अभी तक लंबित है।

### अपर तहसीलदार की रिपोर्ट में खुलासा

अपर तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में यह बताया गया कि पटवारी ने 2.70 हेक्टेयर जमीन की गलत तरीके से एंट्री की, जिसके पीछे किसी आदेश का हवाला नहीं दिया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि पटवारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर जमीन की बंदरबांट की है। साथ ही सिंचित भूमि को असिंचित दिखाकर शासन को राजस्व में करोड़ों रुपये की क्षति पहुंचाई गई। सिंचित भूमि की कीमत करीब 2 करोड़ थी, जबकि असिंचित भूमि की कीमत मात्र 38 लाख 17 हजार रुपये थी।

### भाजपा नेता की मांग – पटवारी की जांच हो

भाजपा किसान मोर्चा के जिला महामंत्री धर्मेंद्र सिंह कुशवाह ने हाल ही में भिंड के प्रभारी मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को पत्र लिखकर पटवारी द्वारा की गई जमीनों की बिक्री को रद्द करने की मांग की है। पत्र में उन्होंने उल्लेख किया कि 1986-2002 के बीच दिए गए कृषि पट्टे, जो अहस्तांतरणीय थे, उन्हें आशीष त्रिपाठी ने अपनी मां और मामी के नाम पर विक्रय कर लिया। उन्होंने मंत्री से आग्रह किया है कि पटवारी के कार्यकाल और संपत्ति की जांच कराई जाए।

### पीड़ित किसान का संकल्प

किसान रामसेवक शर्मा का कहना है, “मैं 2007 से न्याय की मांग कर रहा हूं, सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। मुझे न्याय जरूर मिलेगा और मैं कार्रवाई होने तक हार नहीं मानूंगा।”



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