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जीवन रक्षक प्रशिक्षण से सशक्त हो रही डायल–112

अब हर जवान बनेगा ‘फर्स्ट रेस्पॉन्डर’, अनमोल जानें बचा रही मध्यप्रदेश पुलिस

भोपाल, । मध्यप्रदेश पुलिस की डायल–112 सेवा अब केवल आपातकालीन कॉल रिस्पॉन्स तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह जीवन रक्षक पुलिसिंग का आदर्श मॉडल बन चुकी है। सड़क हादसे, हृदय गति रुकने या अन्य आकस्मिक परिस्थितियों में सबसे पहले मौके पर पहुंचने वाले डायल–112 के जवान अब फर्स्ट रेस्पॉन्डर के रूप में प्रशिक्षित किए जा रहे हैं।
पुलिस मुख्यालय, भोपाल के निर्देशानुसार प्रदेश के नीमच, गुना, धार और हरदा जिलों में विशेष सीपीआर  एवं बीए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनका उद्देश्य डायल–112 कर्मियों को प्राथमिक चिकित्सा और जीवन रक्षा के लिए वैज्ञानिक रूप से सक्षम बनाना है।

नीमच से गुना तक चला प्रशिक्षण अभियान

नीमच पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित प्रशिक्षण में एसपी अंकित जायसवाल एवं एएसपी नवल सिंह सिसोदिया के निर्देशन में जिला अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों  डॉ. सतीश चौधरी, डॉ. राजेश धाकड़ और डॉ. जन्मेजय शाक्य ने 33 पुलिसकर्मियों व 32 एफआरवी चालकों को सीपीआर व बीएलएस तकनीक का प्रशिक्षण दिया।
इसी तरह गुना पुलिस लाइन में डॉ. आदित्य श्रीवास्तव की टीम ने पुलिस कर्मियों को हृदय गति रुकने की स्थिति में सीपीआर प्रक्रिया सिखाई। यह प्रशिक्षण रक्षित निरीक्षक पूजा उपाध्याय और सूबेदार मोनिका जैन के समन्वय में हुआ।
धार और हरदा जिलों में भी डायल–112 जवानों को प्रशिक्षित कर उन्हें जीवन रक्षक कौशलों से सशक्त किया गया।

प्रशिक्षण के असर : समय पर पहुंचकर बचाई कई जानें

राज्यभर में इस प्रशिक्षण के परिणाम अब मैदान में दिख रहे हैं

मंडला: नैनपुर में पलटे ऑटो के 6 घायलों को डायल–112 टीम ने एफआरवी से अस्पताल पहुँचाया।

गुना: अंडरब्रिज में फँसी एम्बुलेंस से 3 वर्षीय बालिका को सुरक्षित बचाया गया।

उमरिया: पाली क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त कार से पाँच घायलों को बचाया गया।

ग्वालियर: कार-ट्रक की टक्कर में घायल 10 लोगों की जान बचाने में टीम ने निर्णायक भूमिका निभाई।


जनसेवा से जीवन रक्षा तक : डायल–112 का नया रूप

इन घटनाओं से स्पष्ट है कि यह प्रशिक्षण न केवल पुलिस की कार्यकुशलता बढ़ा रहा है, बल्कि डायल–112 को मध्यप्रदेश पुलिस का जीवनरक्षक मिशन बना रहा है।
अब डायल–112 केवल आपातकालीन सेवा नहीं, बल्कि हर संकट में हर नागरिक की जीवन रक्षा का प्रतीक बन चुकी है।

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