भोपाल में पुरानी पेंशन बहाली की मांग तेज, NPS और UPS के विरोध में NMOPS ने सौंपा ज्ञापन
भोपाल: **पुरानी पेंशन बहाली** की मांग को लेकर **नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS)** के तत्वाधान में आज अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपा। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य **एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम)** और **यूपीएस (यूनाइटेड पेंशन स्कीम)** का विरोध करते हुए **पुरानी पेंशन योजना (OPS)** की बहाली की मांग करना था।
### **नेताओं की मौजूदगी में सौंपा गया ज्ञापन**
इस मौके पर **राष्ट्रीय सोशल मीडिया प्रभारी हीरानंद नरवरिया**, **सुरसरि प्रसाद पटेल (क्रांति संगठन मंत्री)**, **विभागीय अध्यक्ष मनोज चटपटे**, **जिला अध्यक्ष मोहम्मद दानिश**, **वाल्मीकि एकांत सूर्यवंशी**, **अफसर खान**, **मनीष शर्मा**, **मनीष यादव** सहित कई अन्य एनपीएस धारी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। सभी ने एकजुट होकर पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए जोरदार समर्थन दिया और केंद्र सरकार से इसे जल्द लागू करने की मांग की।
### **NPS और UPS के खिलाफ पुरानी पेंशन की मांग क्यों?**
एनपीएस और यूपीएस के तहत सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन नहीं मिलती, जिससे उनकी आर्थिक सुरक्षा पर संकट मंडराता है। वहीं, **पुरानी पेंशन योजना** के तहत कर्मचारियों को जीवनभर पेंशन मिलती थी, जिससे उन्हें आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती थी। इसी के चलते, एनएमओपीएस सहित कई संगठन लंबे समय से पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं।
### **कर्मचारियों का समर्थन और विरोध प्रदर्शन तेज**
भोपाल सहित देश के कई हिस्सों में **एनपीएस** और **यूपीएस** के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं, जहां कर्मचारी संगठनों का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
### **पुरानी पेंशन बहाली के समर्थन में बढ़ता जनसमर्थन**
इस आंदोलन को देशभर में कर्मचारियों और पेंशनधारियों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। सोशल मीडिया पर भी #RestoreOldPension जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय नेताओं का कहना है कि वे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू नहीं किया जाता।
**भोपाल में हुए इस विरोध प्रदर्शन से यह साफ है कि पुरानी पेंशन की बहाली के लिए कर्मचारियों का आंदोलन अब और भी जोर पकड़ने वाला है।**