
4-5 अगस्त को जंतर-मंतर पर होगा राष्ट्रीय प्रदर्शन
भोपाल, । कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के अंतर्गत आने वाले सेवानिवृत्त कर्मियों की न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपए प्रतिमाह तथा महंगाई भत्ता सहित लागू किए जाने की माँग को लेकर देशभर में संघर्ष जारी है। इस आंदोलन को गति देते हुए आगामी 4 और 5 अगस्त को ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक विशाल धरना-प्रदर्शन और हुंकार रैली आयोजित करने जा रही है। ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति मध्यप्रदेश के संयुक्त सचिव प्रवेश मिश्रा ने प्रेस को दिए गए बयान में कहा कि वर्ष 1995 में भारत सरकार द्वारा लागू की गई कर्मचारी पेंशन योजना त्रुटिपूर्ण रही है। उन्होंने बताया कि लाखों पेंशनधारकों को आज भी 1,000 रुपएसे भी कम, मात्र 700 से 900 रुपए तक की मासिक पेंशन मिल रही है। वहीं अधिकतम पेंशन 3,500 रुपए प्रतिमाह तक सीमित है, जो आज की महंगाई के युग में ऊँट के मुँह में ज़ीरा साबित हो रही है।
न कोई महंगाई भत्ता, न ही चिकित्सकीय सुविधा
प्रवेश मिश्रा ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि ईपी एस-95 पेंशन योजना के अंतर्गत न तो महंगाई भत्ता मिलता है और न ही किसी प्रकार की निशुल्क मेडिकल सुविधा। इसके चलते हजारों बुज़ुर्ग कर्मचारी इलाज के अभाव में असमय मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं, और कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज लाखों सेवानिवृत्त कर्मियों को दो वक्त की रोटी तक मयस्सर नहीं हो पा रही है।
एक दशक से जारी है आंदोलन
ईपी एस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति बीते 10 वर्षों से देशभर में आंदोलन कर रही है। उनकी प्रमुख माँगें न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपए प्रतिमाह + महंगाई भत्ता, सभी पेंशनरों को निशुल्क मेडिकल सुविधा प्रदान की जाए, ईपी एस-95 में संशोधन कर इसे जीवन यापन योग्य बनाया जाए
सरकार मौन, संघर्ष जारी
मिश्रा ने केंद्र सरकार की चुप्पी पर नाराजग़ी जताते हुए कहा कि देश की 78 लाख पेंशनधारकों और 8.5 करोड़ कर्मचारी हितग्राहियों की अनदेखी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि जिस प्रकार केंद्र सरकार 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन और करोड़ों रुपये की अन्य जनकल्याणकारी योजनाएँ चला रही है, उसी भावना से ईपी एस-95 पेंशनरों की पीड़ा को भी गंभीरता से लेकर त्वरित समाधान किया जाए। फेडरेशन महासचिव मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि ईपीएस 95 में संशोधन हेतु एक प्रस्ताव केंद्रीय कैबिनेट में लाया जाए, जिसमें न्यूनतम 7,500 रुपए की पेंशन के साथ डी व मेडिकल सुविधा शामिल हो। साथ ही ईपीएफओ को को इन निर्देशों का तत्काल पालन करने के आदेश जारी किए जाएँ।



