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पर्यटन निगम घोटाला: सीबीआई जांच की मांग तेज

सेवानिवृत अर्द्ध-शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन का बड़ा आरोप

भोपाल, । मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम में कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सेवानिवृत अर्द्ध-शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष अनिल बाजपेई और महासचिव अरुण वर्मा ने घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्री और प्रमुख सचिव पर्यटन से की है। फेडरेशन पदाधिकारियों ने कहा कि पर्यटन निगम में हुए इस आर्थिक घोटाले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि मामले की प्रकृति गंभीर है और उच्चस्तरीय जांच आवश्यक है।

जुलाई–अगस्त 2025 की खरीद पर बड़ा सवाल

फेडरेशन के नेताओं ने आरोप लगाया है कि पर्यटन निगम में क्रॉकरी, कॉफी मशीन, कटलरी और फाइबर प्लांटर की खरीद के नाम पर अनियमितता की गई। एक ही परिवार की तीन फर्मों से फर्जी कोटेशन मंगाए गए। कुल 80–81 लाख रुपये के 32 बिल पेश किए गए। इनमें से 22.37 लाख रुपये का भुगतान गलत तरीके से कर दिया गया। जो सामग्री दी गई वह कम मात्रा, घटिया गुणवत्ता और बाजार मूल्य से अधिक कीमत की बताई जा रही है।वास्तविक मूल्य लगभग 10.97 लाख रुपये बताया गया, जिससे निगम को लगभग 11.40 लाख रुपये की आर्थिक हानि पहुँचने का आरोप है। पदाधिकारियों के अनुसार पर्यटन निगम प्रबंधन इस पूरे मामले पर “पर्दा डालने” और संबंधित अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रहा है, जो न्यायसंगत नहीं है।

पुनर्नियुक्ति प्रथा से बढ़ रहा भ्रष्टाचार :  कर्मचारी नेता

अनिल बाजपेई और अरुण वर्मा ने कहा कि यह पूरा मामला सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्नियुक्ति की गलत व्यवस्था का परिणाम है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाई–भतीजावाद के तहत 65 वर्ष से अधिक आयु के सेवानिवृत कर्मचारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ दे दी जाती हैं। इसी व्यवस्था के कारण भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताएँ बढ़ रही हैं। फेडरेशन ने स्पष्ट कहा कि इस प्रथा को तुरंत बंद किया जाना चाहिए।

सीबीआई जांच और पुनर्नियुक्ति नीति में सुधार की मांग

फेडरेशन ने मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्री, प्रमुख सचिव और पर्यटन निगम के प्रबंध संचालक को ज्ञापन देकर दो प्रमुख माँगें रखीं,
1. पर्यटन निगम घोटाले की सीबीआई जांच हो ताकि दोषियों की जिम्मेदारी तय हो सके और सच्चाई सामने आ सके।
2. 65 वर्ष से अधिक उम्र के सेवानिवृत कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति बंद की जाए, ताकि भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और आर्थिक अनियमितताओं पर रोक लग सके।

कर्मचारी फेडरेशन की इस मांग से पर्यटन निगम में हुई कथित अनियमितताओं का मुद्दा फिर गर्मा गया है। अब सबकी निगाहें सरकार पर हैं कि क्या वह इस मामले में सीबीआई जांच की घोषणा करती है या आंतरिक स्तर पर ही कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।

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