भोपाल । जनजातीय कार्य विभाग के शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए मप्र ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मंडल प्रदेश अध्यक्ष डीके सिंगौर के नेतृत्व में भोपाल पहुंचा। प्रतिनिधि मंडल ने विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. ई रमेश कुमार और सुधीर जैन से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपकर शिक्षकों के हित में कार्रवाई की मांग की।
ज्ञापन की मुख्य बातें
प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि वर्ष 2017 और 2023 में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में उत्कृष्ट शिक्षकों की परीक्षा लेकर पद स्थापना की गई थी। वर्तमान में इन शिक्षकों को हटाकर नेस्ट्स के माध्यम से शिक्षकों की पूर्ति की जा रही है, जो अनुचित है। ज्ञापन में मांग की गई कि इन शिक्षकों को नहीं हटाया जाए और यदि हटाना आवश्यक हो तो उन्हें अन्य विशिष्ट शालाओं या सामान्य शालाओं में पदस्थापित किया जाए। जिन शिक्षकों के गृह जिलों में ट्राइबल स्कूल नहीं हैं, उन्हें शिक्षा विभाग में स्थानांतरित करने के लिए NOC दी जाए।
उच्च पद प्रभार की मांग
प्रतिनिधि मंडल ने एक अन्य ज्ञापन में मांग की कि अन्य विभागों की तरह जनजातीय कार्य विभाग में भी उच्च पद प्रभार की कार्रवाई की जाए। शिक्षा विभाग में उच्च पद के प्रभार की कार्रवाई पूर्ण हो चुकी है, जबकि जनजातीय कार्य विभाग में यह प्रक्रिया अधूरी है। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के उच्च पद प्रभार की कार्रवाई आयुक्त स्तर पर लंबित है।
क्रमोन्नति और वेतनमान की समस्याएं
इंदौर, उज्जैन, जबलपुर आदि संभागों में 12 और 24 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद भी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान के आदेश लंबित हैं। सिवनी, छिंदवाड़ा, मंडला, खंडवा, बुरहानपुर, डिंडोरी आदि जिलों में प्राथमिक शिक्षकों के क्रमोन्नति आदेश भी जारी नहीं किए जा रहे हैं। जिन शिक्षकों की क्रमोन्नति हो चुकी है, उन्हें एरियर का लाभ भी समय पर नहीं दिया जा रहा है।
जनजातीय कार्य विभाग के शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करते हुए शिक्षा विभाग की तरह कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि समस्याओं का समाधान नहीं होता है, तो मजबूर होकर शिक्षकों को न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी।
शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल ने भोपाल पहुंचकर आला अधिकारियों को समस्याओं से अवगत कराया।