साइबर तहसील 2.0 की शुरुआत: अब खसरा नामांतरण की प्रक्रिया होगी तेजी से, एसएमएस, ईमेल और व्हाट्सएप पर मिलेंगी दस्तावेज़
भोपाल: जमीन के क्रय-विक्रय के बाद नामांतरण की प्रक्रिया अब महीनों की बजाय सिर्फ 2 से 3 सप्ताह में पूरी हो जाएगी। साइबर तहसील 2.0 की शुरुआत के साथ ही, नागरिकों को तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। नामांतरण आदेश, खसरा, और नक्शा अब सीधे एसएमएस, ईमेल, और व्हाट्सएप के माध्यम से घर बैठे प्राप्त किए जा सकेंगे।*
साइबर तहसील 2.0 के माध्यम से पहले से ही सम्पूर्ण खसरा क्रय-विक्रय की प्रक्रिया ऑनलाइन थी। अब इसमें आंशिक खसरा क्रय-विक्रय की प्रक्रिया को भी शामिल कर लिया गया है, जिससे यह भी पूरी तरह ऑनलाइन हो गया है। इस बदलाव के साथ, अब खसरा नामांतरण की प्रक्रिया और भी आसान और तेज हो गई है।
प्रमुख राजस्व आयुक्त, श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि हर साल लगभग 2 लाख सम्पूर्ण खसरे और 6 लाख आंशिक खसरा क्रय-विक्रय मामलों का नामांतरण होता है। आंशिक खसरा क्रय-विक्रय के प्रकरणों का भी ऑनलाइन नामांतरण होने से हर साल 8 लाख से अधिक नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा। साइबर तहसील 2.0 में संपदा से प्राप्त अविवादित आंशिक खसरों के क्रय-विक्रय मामलों के नामांतरण के लिए एक एण्ड-टू-एण्ड ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया गया है, जिससे क्षेत्रीय स्तर पर तेजी से निराकरण संभव हो सकेगा। इस प्रणाली के तहत, नामांतरण प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, नागरिकों को नामांतरण आदेश और अद्यतन खसरा नक्शा की प्रति ऑनलाइन ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी जाएगी।
साइबर तहसील 2.0 एक स्वचालित प्रणाली है, जिससे नागरिकों को तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे तहसील स्तर पर कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्य दक्षता में भी वृद्धि होगी। इस स्वचालित प्रक्रिया के चलते, अविवादित मामलों का त्वरित निराकरण हो सकेगा, जिससे राजस्व अधिकारी विवादित मामलों पर भी अधिक ध्यान दे पाएंगे और उन्हें भी जल्दी सुलझाने में मदद मिलेगी।
**साइबर तहसील 2.0** के आगमन से नामांतरण की प्रक्रिया अब और भी आसान, पारदर्शी और समयबद्ध हो गई है, जिससे लाखों नागरिकों को लाभ मिलेगा।