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सीएमएचओ ने किया बैरागढ़ सिविल अस्पताल का निरीक्षण, निर्माण कार्य में देरी और सफाई पर जताई नाराजगी, जारी किया कारण बताओ नोटिस

*भोपाल।** मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बैरागढ़ स्थित सिविल अस्पताल के निर्माणाधीन मेटरनिटी विंग का निरीक्षण किया और निर्माण कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। इस अस्पताल में 100 बिस्तरों वाला नया मेटरनिटी विंग तैयार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य संत हिरदाराम नगर और आसपास के क्षेत्रों की महिलाओं को उच्च-स्तरीय प्रसव और नवजात देखभाल सुविधाएं प्रदान करना है।

### **निर्माण कार्यों में सफाई और अतिक्रमण पर जताई नाराजगी**
निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ ने निर्माणाधीन भवन में साफ-सफाई की कमी और अस्पताल परिसर में अतिक्रमण पाए जाने पर सख्त नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. जे.के. जैन को इन कमियों पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए और कारण बताओ नोटिस जारी किया।

### **लेबर रूम, ओटी, ऑक्सीजन सप्लाई और फायर फाइटिंग सिस्टम की हुई जांच**
निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ ने मेटरनिटी विंग के विभिन्न सेक्शन जैसे लेबर रूम, मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर (ओटी), एचडीयू, एनबीएसयू, पीआईसीयू, पार्किंग व्यवस्था, फायर फाइटिंग सिस्टम और ऑक्सीजन सप्लाई की स्थिति का भी बारीकी से निरीक्षण किया। इसके अलावा, अस्पताल परिसर में अनुपयोगी सामग्री और कचरे की मौजूदगी पर आपत्ति जताते हुए इसे जल्द से जल्द हटाने के निर्देश दिए।

### **नोटिस के पीछे का कारण**
डॉ. तिवारी ने बताया कि अस्पताल प्रशासन को पहले भी अनुपयोगी सामग्री के निपटान और परिसर से अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। लेकिन बार-बार निर्देशों के बावजूद कार्रवाई न होने पर यह नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में स्वच्छता और सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि मरीजों और उनके परिजनों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

### **दिसंबर तक पूरा हो सकता है निर्माण कार्य**
सीएमएचओ ने जानकारी दी कि सिविल अस्पताल बैरागढ़ में 100 बिस्तरीय मेटरनिटी विंग का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है और दिसंबर 2024 तक इसके पूर्ण होने की संभावना है। यह विंग संत हिरदाराम क्षेत्र सहित पूरे भोपाल जिले के लोगों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।

**सिविल अस्पताल बैरागढ़** के निर्माणाधीन मेटरनिटी विंग के जल्द तैयार होने से क्षेत्र के नागरिकों को उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आने की भी उम्मीद है।

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