
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 के समापन पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए विज्ञान भारती द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा, “विज्ञान भारती ने राष्ट्रभाषा हिंदी और विज्ञान के समागम के माध्यम से तकनीकी रूप से स्व-भाषा को बढ़ावा देने का एक बड़ा अभियान शुरू किया है। यह चौथा राष्ट्रीय सम्मेलन है और मेरी ओर से इस पूरे आयोजन के लिए सभी को बधाई।”
डॉ यादव ने जोर देते हुए कहा कि अभी यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है, लेकिन आने वाले समय में इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आयोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्व-भाषा को जानने वाले विद्वान अगर अपने शोध को हिंदी में प्रस्तुत करते हैं और उसके तकनीकी शब्दों का हिंदी में अनुवाद करते हैं, तो यह सहज रूप से पूरे देश में लोकप्रिय होगा। इससे आमजन की विज्ञान के प्रति जिज्ञासा बढ़ेगी और उनकी आत्मीयता भी बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे सभी शोध को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि जो लोग पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन कोई अनूठे आविष्कार लेकर आते हैं, उनके लिए भी विज्ञान भारती प्रबंध करे। हर साल अपनी प्रतिभा के बल पर जो भी होनहार लोग हैं, उन्हें इस तरह के आयोजनों में भाग लेने का अवसर मिलना चाहिए।