
भोपाल: शहर की स्वच्छता को लेकर नागरिकों की बढ़ती चिंता के बीच, सेमी गवरमेंट एम्प्लाइज फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष, अनिल बाजपेई, और उपक्रम संघ के प्रांताध्यक्ष, अरुण वर्मा, ने भोपाल नगर निगम की सफाई व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। उनका कहना है कि जहां एक ओर शहर स्वच्छता के मामले में अव्वल बनने का प्रयास कर रहा है, वहीं दूसरी ओर, नगर निगम द्वारा वसूले जा रहे अनेक प्रकार के टैक्सों के बावजूद, शहर की कालोनियों में सफाई की स्थिति अत्यंत खराब है।
बाजपेई और वर्मा के अनुसार, पूर्व में जहां सफाई कर्मचारी नियमित रूप से झाड़ू लगाकर सफाई करते थे, वर्तमान में वे अधिकांश कालोनियों में यह कार्य नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि नगर निगम की कचरा संग्रहण गाड़ियां जब सुबह कचरा लेने आती हैं, तो कर्मचारी इस कार्य में भी आनाकानी करते हैं। इससे शहर की स्वच्छता के प्रति नगर निगम की प्रतिबद्धता पर सवाल उठते हैं।
नागरिकों का कहना है कि वे नगर निगम को प्रॉपर्टी टैक्स, कचरा टैक्स, और पानी का टैक्स तो देते हैं, लेकिन बदले में उन्हें उचित सुविधाएं प्राप्त नहीं हो रही हैं। इससे शहरवासियों में गहरी निराशा और असंतोष की भावना व्याप्त है।
इस मामले में, बाजपेई और वर्मा ने नगर निगम प्रशासन से अनुरोध किया है कि अगर भोपाल को सच में स्वच्छता के मामले में नंबर एक बनाना है, तो शहर की सभी कालोनियों और सड़कों पर सफाई की बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए। इससे न केवल शहर की स्वच्छता में सुधार होगा, बल्कि नागरिकों का विश्वास भी नगर निगम के प्रति मजबूत होगा।