
भोपाल। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अराजकता के खिलाफ कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। सागर जिले की देवरी विधानसभा में सर्पदंश से मृतक युवक के परिजनों से ₹40,000 की रिश्वत मांगने और न मिलने पर मृत्यु प्रमाण पत्र में सर्पदंश का उल्लेख न करने की घटना ने राजनीतिक बवाल मचा दिया है। इस मामले में भाजपा विधायक बृजबिहारी पटेरिया द्वारा थाने में धरना देने और इस्तीफे की पेशकश के बाद कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा, “मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि जन्म प्रमाण पत्र हो या मृत्यु प्रमाण पत्र, बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता। अब तो सरकारी डॉक्टर भी मौत पर नजराना मांग रहे हैं। भाजपा के जनप्रतिनिधि खुद इस भ्रष्ट व्यवस्था से जूझ रहे हैं, जिससे यह साफ हो गया है कि भाजपा सरकार का सुनियोजित भ्रष्टाचार अब अपने ही नेताओं को भी परेशान कर रहा है।”
भाजपा नेताओं का दर्द: सत्तारूढ़ दल में मची हलचल
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “रीवा के विधायक प्रदीप पटेल एसपी के सामने दंडवत होते हैं, सागर जिले के देवरी के विधायक बृजबिहारी पटेरिया थाने में धरना देने को मजबूर होते हैं, और कटनी के विधायक संजय पाठक अपनी जान का खतरा बताते हैं। जब भाजपा के अपने विधायकों और पार्षदों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है, तो आम जनता की क्या हालत होगी?”
शर्मा ने कहा, “मऊगंज की भाजपा पार्षद अर्पणा पाटिल भी एसपी से न्याय की गुहार लगा रही हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग और शिवराज सिंह चौहान की नकल करने से फुर्सत मिले, तब वे इन मुद्दों पर ध्यान दें।”
आम जनता की सुरक्षा पर सवाल
कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि जब खुद भाजपा के जनप्रतिनिधि असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, तो आम आदमी का क्या होगा? शर्मा ने कहा, “प्रदेश में अपराधों की बाढ़ आ चुकी है। प्रदीप पटेल और संजय पाठक को अपनी जान का खतरा है, ऐसे में आम जनता की सुरक्षा की क्या उम्मीद की जा सकती है? मुख्यमंत्री न कानून व्यवस्था संभाल पा रहे हैं और न सरकार। उन्हें अपनी अक्षमता स्वीकार कर इस्तीफा दे देना चाहिए।”
मोदी सरकार और संघ पर भी निशाना
संगीता शर्मा ने केंद्र सरकार पर भी हमला करते हुए कहा, “हाल ही में दूसरे राज्य की पुलिस ने मध्यप्रदेश में करोड़ों के ड्रग्स रैकेट का खुलासा किया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को युवाओं को रोजगार देने की बजाय उन्हें नशेड़ी बनाने वाला यह भ्रष्टाचार नजर नहीं आता। प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की बात करते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश की अराजकता पर चुप्पी साधे हुए हैं। क्या संघ और मोदी ने मोहन यादव को सिर्फ वसूली के लिए मुख्यमंत्री बनाया है?”
निष्कर्ष
कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार, अराजकता और कमजोर कानून व्यवस्था के गंभीर आरोप लगाए हैं। संगीता शर्मा के अनुसार, भाजपा के अपने विधायक और पार्षद भी इस भ्रष्ट व्यवस्था से परेशान हैं। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की है। अब देखना होगा कि भाजपा सरकार इस राजनीतिक चुनौती का कैसे जवाब देती है।