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सीबीआई कोर्ट का बड़ा फैसला: एसबीआई के असिस्टेंट जनरल मैनेजर और परिवार को सजा

भोपाल। सीबीआई कोर्ट भोपाल ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के सहायक महाप्रबंधक जितेंद्र प्रताप सिंह और उनके परिवार के सदस्यों को सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार शर्मा की कोर्ट ने जितेंद्र प्रताप सिंह को 3 साल के कठोर कारावास के साथ 32,22,250 रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। इसके अलावा, उनकी पत्नी किरन सिंह, तीन बेटियों (अन्वेषा सिंह, गरिमा सिंह, नम्रता सिंह) और दामाद समीर सिंह को भी 1-1 साल के कठोर कारावास और 25-25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

### **प्रकरण की पृष्ठभूमि**
सीबीआई की एंटी-करप्शन ब्रांच (एसीबी), भोपाल ने जितेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) सहपठित धारा 13(1)(ई) के तहत मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान उनके घर से चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज, सोने-चांदी के आभूषण, सावधि जमा की रसीदें और कई बैंक खातों से संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए थे।

### **94 गवाहों की गवाही**
सीबीआई ने इस मामले में 2007 में विशेष न्यायाधीश की कोर्ट में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था। अभियोजन पक्ष ने आरोप सिद्ध करने के लिए 94 गवाहों के बयान दर्ज कराए, जबकि बचाव पक्ष ने 15 गवाहों को पेश किया। कोर्ट ने पाया कि 1 जनवरी 1999 से 2 अप्रैल 2005 के बीच जितेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी वैध आय से अधिक अनुपातहीन संपत्ति बनाई थी। इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी और बेटियों के नाम पर भी संपत्तियां अर्जित कीं।

### **बोगस खातों का खुलासा**
सीबीआई की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जितेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी बेटियों और दामाद के साथ मिलकर एसबीआई की भोपाल स्थित अलग-अलग शाखाओं में बोगस खाते खोले और उनमें नकद राशि जमा की। इस धन का उपयोग कर उन्होंने अपनी और परिवार के सदस्यों के नाम पर संपत्तियां खरीदीं।

### **कोर्ट का निर्णय**
विशेष न्यायाधीश ने जितेंद्र प्रताप सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 3 साल के कठोर कारावास के साथ 32,22,250 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न चुकाने की स्थिति में उन्हें अतिरिक्त 3 महीने की सजा भुगतनी होगी। वहीं, उनकी पत्नी, बेटियों और दामाद को 1-1 साल के कठोर कारावास और 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसे अदा न करने पर 1 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

### **सीबीआई की कार्रवाई**
सीबीआई के लोक अभियोजक डॉ. मनफूल बिश्नोई ने इस प्रकरण में अभियोजन कार्यवाही का संचालन किया। अभियोग पत्र के अनुसार, आरोपी जितेंद्र प्रताप सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग कर 37,13,113 रुपये की अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की थी। इस कृत्य में उनकी पत्नी और बेटियों ने भी दुष्प्रेरण किया, जिसके चलते वे भी दोषी करार दिए गए।

इस निर्णय के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में न्यायपालिका सख्त कदम उठा रही है और भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

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