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भोपाल में बड़ी कार्रवाई: अपराध छिपाकर शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण और नए लाइसेंस लेने वालों पर पुलिस की सख्त कार्यवाही

तलैया, हनुमानगंज और कोहेफिजा थाना पुलिस ने तीन शस्त्र लाइसेंसधारकों पर दर्ज किए अलग-अलग केस

भोपाल । राजधानी भोपाल में शस्त्र लाइसेंस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से बड़ी कार्रवाई की है। खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के नाम पर स्वीकृत हुए शस्त्र लाइसेंसों की गहन जांच में सामने आया कि तीन लाइसेंसधारकों ने अपने विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामलों को छिपाकर शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण और नए लाइसेंस प्राप्त कर लिए थे। इस गंभीर अनियमितता को उजागर करते हुए थाना तलैया, हनुमानगंज और कोहेफिजा पुलिस ने तीनों के विरुद्ध बीएनएस, भादवि तथा आर्म्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

कैसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ा: संयुक्त जांच दल ने किया खुलासा

भोपाल जिले में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में शूटरों ने स्वीकृत शस्त्र लाइसेंस प्रस्तुत किए थे। इसके बाद राजस्व विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त जांच दल ने दस्तावेजों की विस्तृत और सूक्ष्म जांच की। जांच के दौरान पाया गया कि लाइसेंसधारकों से लिए गए शपथ पत्रों में यह उल्लेख था कि उनके विरुद्ध किसी भी थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है। लेकिन आगे की विस्तृत जांच में यह दावे गलत पाए गए।

इन लाइसेंसधारकों ने छिपाए अपराध

जांच में सामने आए तीन आरोपी इस प्रकार है

1. हसीब खां, पिता करीम खां
निवासी: 36 गिन्नौरी, भोपाल
आरोप: पूर्व में दर्ज अपराध छिपाकर शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण कराया।
2. फैजान खान, पिता अब्दुल रहमान
निवासी: गली नंबर 02, मकान नंबर 132, काजी कैंप, भोपाल
आरोप: आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बावजूद अपराध छिपाकर लाइसेंस नवीनीकरण कराया।
3. साहिब उर रहमान, पिता शफीक उर रहमान
निवासी: C-19, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, कोहेफिजा, भोपाल

आरोप: थाना कोहेफिजा में दर्ज प्रकरण की जानकारी छिपाकर नया शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया। तीनों मामलों में दस्तावेजों की सत्यता की जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि आरोपियों ने शपथ पत्र में झूठी जानकारी देकर नियमों का उल्लंघन किया है।

थानों में दर्ज हुए अलग-अलग केस

जांच रिपोर्ट के आधार पर थाना तलैया, थाना हनुमानगंज, थाना कोहेफिजा द्वारा संबंधित आरोपियों पर बीएनएस, भारतीय दंड संहिता (भादवि) और आर्म्स एक्ट के तहत अलग-अलग अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं। यह कार्रवाई भोपाल पुलिस की शस्त्र लाइसेंसिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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