भोपाल: श्रमण संस्कृति रक्षा दिवस के रूप में मनाया गया रक्षाबंधन पर्व, जैन मंदिरों में गूंजे भक्ति के स्वर
भोपाल: राजधानी भोपाल में रक्षाबंधन पर्व को श्रमण संस्कृति रक्षा दिवस के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शहर के जैन मंदिरों में संतों के सानिध्य में विशेष अनुष्ठान और पूजा अर्चना का आयोजन हुआ। नंदीश्वर जिनालय में “हे स्वामी नमोस्तु” के भक्ति भरे स्वर गूंजते रहे, जहां 1000 से अधिक श्रद्धालुओं ने आचार्य श्री संघ का पड़गाहन किया।
इस पावन अवसर पर आचार्य विनम्र सागर महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा, “मन और विचार पवित्र हो तो जीवन का हर क्षण पवित्र और मंगलमय होता है।” उन्होंने धर्म और संस्कृति की रक्षा का संकल्प लेते हुए सद्कर्म और संस्कारों को जीवन में अपनाने पर जोर दिया।
चातुर्मास समिति के मीडिया प्रभारी अंशुल जैन ने जानकारी दी कि इस विशेष दिन पर नंदीश्वर जिनालय में तीर्थंकर भगवान श्रेयांश नाथ के मोक्ष कल्याणक के अवसर पर निर्वाण लाडू समर्पित किए गए। इसके साथ ही, अन्य जैन मंदिरों में भी संतों के मार्गदर्शन में रक्षाबंधन पर्व को श्रमण संस्कृति रक्षा दिवस के रूप में मनाया गया।
अंशुल जैन ने बताया कि जैन परंपरा के अनुसार, मुनि विष्णु कुमार ने हजारों वर्ष पूर्व 700 मुनियों पर आए उपसर्ग की रक्षा की थी, तभी से रक्षाबंधन पर्व मनाने की परंपरा शुरू हुई। इस दिन को जैन समुदाय धर्म, संस्कृति और देश की रक्षा का संकल्प लेते हुए मनाता है।
भोपाल के विभिन्न जैन मंदिरों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया गया। अशोका गार्डन जैन मंदिर में मुनि विश्व सूर्य सागर महाराज, शाहपुरा जैन मंदिर में मुनि सुदत्त सागर महाराज, और चौक जैन मंदिर में आर्यिका गुरुमति माताजी के सानिध्य में अनुष्ठान आयोजित किए गए।
साथ ही, टीटी नगर, पिपलानी अहिंसा विहार, और सोनागिरी समेत अन्य मंदिरों में भी सत्य और अहिंसा का संदेश देते हुए विशेष पूजा अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भक्ति और उत्साह के साथ इन धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लिया।