
भोपाल। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के निर्देशानुसार खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा प्रस्तुत 14 प्रकरणों में निर्णय पारित करते हुए न्याय-निर्णायक अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी हिमांशु चन्द्र द्वारा 3 लाख 45 हजार रुपये का जुर्माना अधिरोपित किया गया है।
आज पारित किए गए निर्णयों में बजरिया थाना के सामने समोसा निर्माता मो. इदरीस के विरुद्ध अस्वच्छ परिस्थितियों में समोसे बनाने के आरोप में दो प्रकरणों में कुल 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बावड़िया कला स्थित विन्टर रोज कैफे के प्रोप्राइटर विकास भूर्तिया के विरुद्ध अमानक पनीर का उपयोग करने के आरोप में 50 हजार रुपये, एमपी नगर जोन-2 स्थित हकीम रेस्टोरेंट के प्रोप्राइटर नावेद खान के विरुद्ध 50 हजार रुपये, भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक-1 के सामने होटल अजीजिया के प्रोप्राइटर याहया खान के विरुद्ध बिना खाद्य पंजीयन अस्वच्छ परिस्थितियों में भोजन निर्माण करने के आरोप में 25 हजार रुपये और गेहूँखेड़ा, कोलार रोड स्थित कृष्णा डेयरी के संचालक जितेन्द्र यादव के विरुद्ध बिना पंजीयन अवमानक मिल्क केक विक्रय करने के आरोप में 25 हजार रुपये जुर्माना शामिल है।
अभिहित अधिकारी देवेन्द्र कुमार वर्मा के निर्देशानुसार, निर्धारित समयावधि में जुर्माना अदा नहीं करने की स्थिति में खाद्य कारोबारकर्ताओं के खाद्य पंजीयन निलंबित किए जाएंगे।
**जप्तशुदा 36 क्विंटल मावा विनष्ट**
10 जुलाई 2024 को ग्वालियर से रेलवे पार्सल के माध्यम से भोपाल बाजार में विक्रय हेतु लाए गए मावा के गुणवत्त पर संदेह होने के कारण खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा जप्त किया गया था। मावा के स्वामित्व पर किसी व्यक्ति द्वारा दावा नहीं किए जाने तथा इसका पर्याप्त अपक्षय हो जाने के कारण अभिहित अधिकारी के आदेशानुसार आज नगर निगम अमले की सहायता से जप्तशुदा मावा की सम्पूर्ण मात्रा (लगभग 36 क्विंटल) को आदमपुर खंती में विनष्ट कराया गया।
**प्रगति पेट्रोल पम्प हॉकर कॉर्नर में चार प्रकरण**
आज प्रगति पेट्रोल पम्प स्थित हॉकर कॉर्नर का निरीक्षण किया गया, जिसके दौरान चार स्टॉल में अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में भोजन निर्माण पाया गया। सभी खाद्य कारोबारकर्ताओं को स्वच्छता संबंधी प्रावधानों का पालन करने हेतु निर्देशित किया गया। अभिहित अधिकारी द्वारा अस्वच्छता पाए गए स्टॉल के कारोबारियों के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 56 के अन्तर्गत प्रकरण माननीय न्याय निर्णायक अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।