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विश्व पर्यावरण दिवस पर भोपाल के स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम

भोपाल: विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2024 को “Land Restoration, Desertification and Drought Resilience” की थीम पर मनाया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग जिला भोपाल द्वारा पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता हेतु कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।

प्रमुख कार्यक्रम:
– पौधारोपण और संरक्षण का संकल्प: स्वास्थ्य संस्थानों में पेड़ लगाए गए और उनके संरक्षण का संकल्प लिया गया।
जागरूकता गतिविधियाँ: पोस्टर प्रतियोगिता, रैली, और रंगोली प्रतियोगिता के माध्यम से जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया।
पर्यावरण संरक्षण के उपाय: बायो मेडिकल वेस्ट का पृथककरण, स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण, बिजली और पानी के समुचित उपयोग पर जोर दिया गया।

आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में आयोजित कार्यक्रम:
पर्यावरण प्रदूषण कम करने के उपाय: सतत खाद्य पदार्थों का उपयोग, ऊर्जा और जल संरक्षण, सिंगल यूज प्लास्टिक का बहिष्कार, सेहतमंद जीवन शैली अपनाने, ई-वेस्ट को कम करने, और अपशिष्ट प्रबंधन की जानकारी दी गई।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल, डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण का प्रभाव बुजुर्गों, गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों, गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों पर अधिक होता है। पर्यावरण असंतुलन के कारण ग्लोबल वार्मिंग तेजी से बढ़ रही है, जिससे दूषित वायु, जल और खाद्य पदार्थ हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

पर्यावरण असंतुलन के स्वास्थ्य पर प्रभाव:
– **वायु प्रदूषण**: फेफड़ों पर सबसे अधिक असर डालता है।
– **प्राकृतिक आपदाएँ**: लू, तापघात, बाढ़, सूखा, और अतिवृष्टि से मानव स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
– **बीमारियों का प्रसार**: अस्थमा, श्वसन संबंधी बीमारियाँ, कैंसर, कार्डियोवैस्कुलर बीमारियाँ, स्ट्रोक, खाद्य जनित बीमारियाँ, मानसिक स्वास्थ्य, तनाव, न्यूरोलॉजिकल बीमारियाँ, वेक्टर बोर्न और जल जनित बीमारियाँ।

भोपाल के स्वास्थ्य विभाग ने पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किए। इस पहल का उद्देश्य समुदाय को पर्यावरण के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाने और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में योगदान देना है।

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