भारतीय रेलवे के रनिंग स्टाफ का धैर्य अब टूट चुका है। रेलवे के अधिकांश विभाग रनिंग भत्ते पर लगातार आपत्तियाँ उठाते हैं, जिसके कारण आज तक मान्यता प्राप्त यूनियनें भी इस विषय पर मजबूत आवाज़ नहीं उठा पाईं।
केवल ALARSA ही दिन-रात इस मुद्दे के लिए संघर्ष कर रहा है।
रनिंग भत्ता किन दो हिस्सों से बनता है?
रनिंग स्टाफ का रनिंग भत्ता दो भागों में विभाजित है, 30% वेतन कटौती (जो वेतन से जुड़ा अनिवार्य हिस्सा है), 20 दिन का TA, 1 जनवरी 2024 से TA की दरें बढ़ चुकी हैं और 7वें वेतन आयोग के अनुसार सभी भत्तों को उसी अनुपात में बढ़ना चाहिए था। लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी किमी रेट नहीं बढ़ाया गया, और सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं ले रही है।
2 दिसंबर से ALARSA का राष्ट्रव्यापी धरना और उपवास आंदोलन
इस उदासीन रवैये के विरोध में ALARSA ने 2 दिसंबर 2025 को धरना प्रदर्शन और उपवास रखकर कार्य करने का निर्णय लिया।यह आंदोलन मजबूरी में लिया गया फैसला है। हम भूखे रहने का शौक नहीं रखते, लेकिन प्रशासन ने हमें मजबूर किया है। उपवास का संकल्प, न घर पर भोजन करेंगे, न रनिंग रूम, न ट्रेनिंग सेंटर, न लाइन पर भूखे रहकर भी नियमपूर्वक ट्रेन संचालन करेंगे। सभी लॉबियों के सामने धरना स्थल बनाए गए, हर साथी से अपील है कि समय निकालकर उपस्थिति दर्ज कराएँ।
हमारी प्रमुख माँगें, देना होगा! देना होगा!!
TA के अनुपात में किमी भत्ता बढ़ाना होगा। बढ़ाना होगा।
LP और ALP का ग्रेड पे बढ़ाना होगा। देना होगा।
16 + 30 घंटे का रेस्ट नियम पूरी तरह लागू करना होगा। देना होगा।
पोर्टेबल कैमरा और स्पीकर देने की जबरन नीति बंद करना होगा। करना होगा।
सभी खाली पड़ी पदों को तत्काल भरना होगा। भरना होगा।
हमारा संकल्प, हम अपना हक लेना जानते हैं और लेकर रहेंगे।
रेलवे की सुरक्षा, समयबद्धता और निरंतर सेवा रनिंग स्टाफ की मेहनत पर आधारित है।
अब समय है कि प्रशासन भी हमारे अधिकारों को स्वीकार करे और लंबित माँगों पर तत्काल निर्णय ले।
रनिंग स्टाफ की उपेक्षा पर फूटा आक्रोश, किमी भत्ता वृद्धि और ग्रेड पे सुधार की माँग को लेकर ALARSA का जोरदार धरना एवं उपवास आंदोलन
