भोपाल। मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग में कार्यरत 767 अमीन प्रदेशभर में सिंचित क्षेत्र बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन आज भी वे सम्मानजनक वेतन, यात्रा भत्ता और बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। ठंड के मौसम में किसान हित में दिन-रात बिना अवकाश कार्य करते हुए अमीन अंतिम छोर के खेत तक पानी पहुँचाने में जुटे रहते हैं। कई अमीन रोजाना 50 से 75 किलोमीटर दूर स्थित ग्रामों तक पहुँचकर सिंचाई व्यवस्था संभालते हैं, फिर भी उन्हें यात्रा भत्ता, स्टेशनरी, और आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाते।अमीनों द्वारा बार-बार ध्यान आकर्षित कराने के बाद भी शासन स्तर पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। गौर करने वाली बात है कि अमीन पदनाम अब भी स्वतंत्रता-पूर्व काल का नाम है, जिसे बदलने की मांग लंबे समय से लंबित है। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रतिनिधि अशोक पांडे, उमेश शर्मा, बिंद्रा पटेल, अरुण मिश्रा, सरदार सिंह बघेल सहित अन्य सदस्यों ने जल संसाधन मंत्री सिलावट को ज्ञापन सौंपकर पदनाम परिवर्तन, यात्रा भत्ता, स्टेशनरी भत्ता और सम्मानजनक वेतन की मांग उठाई है।
प्रमुख अभियंता से पहल की मांग
कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे और अमीन प्रकोष्ठ अध्यक्ष उमेश शर्मा ने बताया कि ये सभी मांगें शासन स्तर की हैं, इसलिए प्रमुख अभियंता एवं मंत्री को अमीनों की वास्तविक कार्य परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तत्काल सकारात्मक कार्यवाही करनी चाहिए।
जल संसाधन विभाग के अमीन सम्मानजनक वेतन और सुविधाओं से वंचित, कर्मचारी मंच ने उठाई आवाज
