हाई कोर्ट के निर्देश पर पेश किया गया शपथ-पत्र: सीएमएचओ खंडवा ने 90 दिन में पेंशन और देयकों के भुगतान का आश्वासन दिया

जबलपुर। उच्च न्यायालय ने एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्त दिवंगत कर्मी के पेंशन और अन्य देयकों के भुगतान में हुई देरी को गंभीरता से लिया है। मामले की सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने सीएमएचओ, खंडवा से शपथ-पत्र पेश करने को कहा।
याचिका में कहा गया था कि दिवंगत कर्मी जगन्नाथ रावत की सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और अन्य देयकों का भुगतान नहीं किया गया। उनकी पहली पोस्टिंग सीएमएचओ कार्यालय, खंडवा में हुई थी, और बाद में उनका स्थानांतरण अन्य स्थानों पर हो गया। सीहोर सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थापना के दौरान उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था। इसके बावजूद, विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की और उनके देयकों का भुगतान लंबित रहा।
हाई कोर्ट ने सीएमएचओ को निर्देशित किया था कि वे याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण 30 दिनों के भीतर करें। सीएमएचओ ने यह दावा किया कि रिकार्ड की अनुपलब्धता के कारण देयकों का भुगतान संभव नहीं हो सका।
सुनवाई के दौरान, सीएमएचओ खंडवा के डॉ. ओपी जुगतावाल ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर शपथ-पत्र पेश किया और आश्वस्त किया कि 90 दिनों के भीतर सभी देयकों का भुगतान कर दिया जाएगा।