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राजधानी में दागी पुलिसकर्मियों पर बड़ी सख्ती: 48 पुलिसकर्मी लाइन अटैच, डीजीपी के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई

भोपाल, । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में दागी पुलिसकर्मियों पर बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। पुलिस विभाग की छवि को सुधारने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) श्री संतोष कुमार सिंह के निर्देश पर भोपाल ज़िले के 48 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया गया है। इनमें वे पुलिसकर्मी शामिल हैं जिनके विरुद्ध भ्रष्टाचार, लापरवाही, असंवेदनशील व्यवहार, माफियाओं से सांठगांठ या अनुशासनहीनता जैसे गंभीर आरोपों की शिकायतें मिल रही थीं।

क्यों हुई कार्रवाई?

सूत्रों के अनुसार, डीजीपी द्वारा हाल ही में सभी जिलों को निर्देशित किया गया था कि पुलिस विभाग में अनुशासनहीन, संदिग्ध छवि वाले और नागरिकों की शिकायतों में बार-बार सामने आने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान कर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।”



भोपाल पुलिस अधीक्षक (SP) के नेतृत्व में गठित विशेष स्क्रीनिंग कमेटी ने पिछले तीन महीनों में प्राप्त 150 से अधिक शिकायतों की समीक्षा की, जिनमें से 48 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया कार्रवाई उचित पाई गई।
किन विभागों से हुए पुलिसकर्मी लाइन अटैच?

इनमें भोपाल शहर के हबीबगंज, कोहेफिजा, शाहपुरा, अशोका गार्डन, गोविंदपुरा, छोला मंदिर, टीटी नगर, बैरागढ़, पिपलानी और महिला थानों में पदस्थ कई कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और कुछ सब-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी शामिल हैं।

डीजीपी संतोष कुमार सिंह ने क्या कहा?पुलिस विभाग की कार्यशैली को जनता के भरोसे के अनुरूप बनाए रखने के लिए हम पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से कार्य कर रहे हैं। दागी या संदिग्ध छवि वाले किसी भी पुलिसकर्मी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि “अब हर शिकायत की मॉनिटरिंग उच्च स्तर पर होगी और जवाबदेही तय की जाएगी।”


L आगे क्या?

लाइन अटैच पुलिसकर्मियों की विस्तृत विभागीय जांच की जाएगी। यदि आरोप सही पाए गए तो निलंबन और सेवा से बर्खास्तगी तक की कार्रवाई संभव। विभागीय अनुशासन समिति की रिपोर्ट के आधार पर अगली प्रक्रिया होगी।

इस कार्रवाई का असर

✔️ जनता में बढ़ा भरोसा – आम लोगों ने इस कार्रवाई को ‘सकारात्मक और समय की मांग’ बताया है।
✔️ पुलिस विभाग में हलचल – कई थानों में अधिकारियों ने अपने रिकॉर्ड और व्यवहार की समीक्षा शुरू कर दी है।
✔️ अन्य जिलों को संदेश – यह कार्रवाई राज्यव्यापी पुलिस सुधार अभियान की शुरुआत मानी जा रही है।

निष्कर्ष:
राजधानी भोपाल में यह सख्त कदम पुलिस विभाग की कार्यशैली में सुधार और जनता का भरोसा बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उम्मीद है कि यह कार्रवाई अन्य जिलों के लिए भी एक मिसाल बनेगी।

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