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भोपाल में विश्व मलेरिया दिवस पर जागरूकता रैली, पोस्टर प्रतियोगिता और मलेरिया उन्मूलन अभियान को मिली रफ्तार

मलेरिया उन्मूलन की ओर बढ़ता भोपाल: जनभागीदारी और सरकारी प्रयासों से बदली तस्वीर”

भोपाल। World Malaria Day 2025 के अवसर पर 25 अप्रैल को राजधानी भोपाल में मलेरिया उन्मूलन जागरूकता अभियान जोरशोर से चलाया गया। इस वर्ष की थीम “Malaria Ends With Us: Reinvest, Reimagine, Reignite” के तहत जिले में जनजागरूकता कार्यक्रम, स्कूल गतिविधियाँ, और सर्वेक्षण अभियान आयोजित किए गए।

जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया जागरूकता रैली, पोस्टर एवं ड्राइंग प्रतियोगिता, स्वास्थ्य शिविर, और मलेरिया प्रश्नोत्तरी जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में स्कूली बच्चों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा सहयोगिनियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। समुदाय को मलेरिया के लक्षण, बचाव, जांच और मलेरिया की मुफ्त इलाज व्यवस्था के बारे में जानकारी दी गई।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि भोपाल जिले में मलेरिया उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। वर्ष 2024 में जिले में 3.26 लाख मलेरिया टेस्ट किए गए थे, जिनमें सिर्फ 12 मरीज पॉजिटिव पाए गए थे। वहीं, 2025 में अब तक 43,381 जांचें की गई हैं और कोई भी मरीज मलेरिया पॉजिटिव नहीं पाया गया है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया की रोकथाम के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण, बुखार पीड़ितों की आरडीटी किट से जांच, कीटनाशक छिड़काव, मच्छरदानी वितरण, और लार्वा नियंत्रण जैसे ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में गंबूशिया मछलियों का संचयन कर मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित किया जा रहा है।

भोपाल में मलेरिया जागरूकता अभियान की मुख्य बातें:

700 से अधिक छात्रों ने ड्राइंग व पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया

आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर गांव-गांव मलेरिया उन्मूलन अभियान चलाया गया

सामुदायिक बैठकों और शपथ कार्यक्रमों के जरिए लोगों को स्वच्छता और मच्छर जनित रोगों से बचाव का संदेश दिया गया

आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य केंद्रों में नियमित प्रचार-प्रसार किया जा रहा है


मलेरिया से बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय:

घर के आसपास पानी जमा न होने दें

पानी के बर्तनों (मटका, टंकी, कूलर) को हर चार दिन में साफ करें

सोते समय कीटनाशक युक्त मच्छरदानी का उपयोग करें

बुखार होने पर तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं

मलेरिया की जांच और दवाइयाँ पूर्णतः निशुल्क हैं


विशेषज्ञों के अनुसार, प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम और प्लास्मोडियम विवैक्स जैसे मलेरिया परजीवी साफ पानी में पनपते एनाफिलीज मच्छर के जरिए फैलते हैं। यह बीमारी 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा घातक हो सकती है।

भोपाल जिले में चलाए जा रहे मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम ने यह साबित किया है कि समय पर जांच, इलाज, और जन-जागरूकता से इस रोग पर काबू पाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों और नागरिकों की सहभागिता से भोपाल अब “मलेरिया मुक्त शहर” बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर है।

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