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प्रतिष्ठित एशेज क्रिकेट सीरीज राख से शुरु हुई

लंदन । ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के बीच होने वाली प्रतिष्ठित एशेज क्रिकेट सीरीज का इतिहास बेहद पुराना है। एशेज मतलब राख ओर ये सीरीज इसी आधार पर बनी है। 142 साल पहले लंदन के द ओवल में हुए मैच में इंग्लैंड की टीम 85 रन का जीत का लक्ष्य भी हासिल नहीं कर पायी और 77 रन पर ही आउट हो गयी। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड की धरती पर पहली जीत दर्ज की। इसपर इंग्लैंड के प्रशंसकों ने टीम को खरी खोटी सुनाई। वहीं ब्रिटेन के के अखबारों ने लिखा कि इंग्लिश क्रिकेट की मौत हो गई है जिसका अंतिम संस्कार किया जाएगा और राख ऑस्ट्रेलिया ले जाई जाएगी।
इसी से क्रिकेट की सबसे पुरानी एशेज सीरीज का जन्म हुआ। चार महीने बाद जब इंग्लिश टीम ऑस्ट्रेलिया रवाना हुई तो इंग्लैंड के कप्तान इवो ब्लीग ने कहा, ‘अगस्त में ऑस्ट्रेलिया ले जाई गई राख को हम वापस लेने जा रहे हैं।’ यहीं से ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज को द एशेज कहा जाने लगा। इंग्लैंड की क्रिकेट टीम दिसंबर 1882 में ऑस्ट्रेलिया गई और द एशेज को जीतकर वापस लायी।
ब्लीग को जीत के बाद मेलबर्न में एक छोटा कलश भेंट किया गया, जिसमें राख थी। इसे इंग्लैंड के प्रशंसकों ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की राख करार दिया। ये भी कहा जाता है कि मेलबर्न टेस्ट की हार के बाद कुछ महिलाओं ने लकड़ी की बेल्स जलाकर उसकी राख ट्रॉफी के अंदर रख दी थी। द एशेज दुनिया की सबसे छोटी ट्रॉफी मानी जाती है। इसकी मूल ट्रॉफी लंदन के ओवल मैदान के एमसीसी संग्रहालय में रखी गई है पर अब सीरीज जीतने वाली टीम को उसकी प्रतिकृति वाली ट्रॉफी दी जाती है।

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