टूर्नामेंट के 44वां मैच तक 729 चौके और 389 छक्के ही लगे
नई दिल्ली। आईसीसी टी20 वर्ल्डकप में अब तक बल्लेबाजों का जलवा देखने को नहीं मिला जिसका लोग इंतजार कर रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह विकेटों का धीमा और आउट फील्ड का स्लो होना है। मैचों में ज्यादा रन नहीं बन सके । गेंदबाजों के बल्लेबाज पर दबाव को इसी बात से समझा जा सकता है कि टूर्नामेंट में अब एक दर्जन से कम मैच बाकी हैं और सिर्फ चार बार ही 200+ रन बन पाए हैं। टूर्नामेंट में ऐसे भी मैच देखने को मिले हैं जिसमें भारत, दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश की टीमों ने 120 से कम रन बनाकर डिफेंड किया। रन ही नहीं, चौकों-छक्कों के मामले में भी इस टूर्नामेंट ने क्रिकेटप्रेमियों को निराश किया है। सुपर-8 के बांग्लादेश-ऑस्ट्रेलिया मैच जो टूर्नामेंट का 44वां मैच था जब तक 729 चौके और 389 छक्के ही लगे। प्रति मैच छक्कों का औसत 8.84 और चौकों का 16.56 के आसपास है जबकि टी20 में इससे अधिक छक्के और चौके तो किसी एक मैच की एक पारी में लग जाते हैं। यह स्थिति तब है जब सुपर-8 राउंड से सारे मुकाबले वेस्टइंडीज में होने हैं जहां के विकेट अमेरिका की तुलना में बल्लेबाजी के लिए अच्छे हैं1 उम्मीद है कि ग्रुप मैचों में गेंदबाजों का राज रहने के बाद अब आगे के मैचों में बल्लेबाजों का राज देखने को मिलेगा और चौकों-छक्कों की बरसात से क्रिकेट प्रेमी आनंद ले सकेंगे।
टी20 विश्वकप में अब तक लगे कम छक्कों का असर दिग्गज बल्लेबाजों के खाते में भी दिख रहा है। सुपर-8 में पहुंची ऑस्ट्रेलिया टीम के मैथ्यू वेड, बांग्लादेश के शाकिब-अल-हसन और भारत के रवींद्र जडेजा शामिल हैं। वेड का यह चौथा टी20 वर्ल्डकप है जबकि शाकिब अब तक के सभी नौ टी20 वर्ल्डकप में खेले हैं। जडेजा का भी यह छठा टी20 वर्ल्डकप है। ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर वेड ने इस टी20 वर्ल्ड कप के पांच मैचों की दो पारियों में 15 गेंदों पर 140.00 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं लेकिन उनके बैट से अब तक छक्का नहीं लगा है। यह सही है कि वेड को अब तक खेलने के लिए ज्यादा पारियां और गेंदें नहीं मिली हैं लेकिन उनकी छवि शुरुआत से ही गेंदबाजों पर हावी होकर खेलने की है।
बता दें, वेड 90 टी20 में 46 छक्के लगा चुके हैं। वे 2021 के टी20 वर्ल्डकप के सेमीफाइनल के 19वें ओवर की आखिरी तीन गेंदों पर पाकिस्तान के शाहीन अफरीदी की गेंद पर लगातार छक्के लगाकर ऑस्ट्रेलिया को फाइनल में पहुंचाया था। इस वर्ल्डकप के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर ऑस्ट्रेलिया चैंपियन बनी थी। इस मैच में वेड ने महज 17 गेंदों पर दो चौकों और चार छक्कों की मदद से नाबाद 41 रनों की पारी खेली थी और खेल का रुख पलटते हुए टीम की जीत संभव हुई थी।
दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर्स शाकिब अब तक 127 टी20 में 52 छक्के लगा चुके हैं। मौजूदा वर्ल्डकप में पांच मैचों में 96 गेंदों का सामना करते हुए उन्होंने एक अर्धशतक की मदद से 100 रन (औसत 25.00, स्ट्राइक रेट 104.16) बनाए हैं लेकिन इसमें एक भी छक्का नहीं लगा सके हैं। टी20 वर्ल्डकप के 41 मैचों में शाकिब ने अब तक 73 चौकों व 23 छक्कों की मदद से 842 रन बनाए हैं जबकि सबसे अधिक 49 विकेट लिए हैं। वहीं इंडिया टीम के रवींद्र जडेजा भी इस टूर्नामेंट में छक्का नहीं मार सके। इन तीनों खिलाड़ियों की टीमें सुपर-8 में पहुंच चुकी हैं। उम्मीद है कि आगे के मैचों में क्रिकेट प्रेमी और इनके फैंस इन्हें छक्का लगाते देख पायेंगे।
चाचा के नाम से मशहूर पाकिस्तान के इफ्तिखार अहमद से भी टी20 वर्ल्डकप में बल्ला रूठा रहा। वह दो मैचों में 25 रन ही बना पाए। इफ्तिखार अब तक 66 T20 में 44 छक्के लगा चुके हैं। वर्ल्डकप (वनडे) 2023 में न्यूजीलैंड के भारतीय मूल के प्लेयर रचिन रवींद्र भी इस टी20 वर्ल्डकप को बुरा सपना मानकर भूलना चाहेंगे। तीन मैचों में एक बार नाबाद रहते हुए 17 रन ही बना पाए जिसमें न कोई छक्का है और न चौका। टी20 वर्ल्डकप 2024 के ‘स्तरहीन’ पिचों ने कई और बल्लेबाजों को भी इसी तरह शर्मसार किया है। बता दें, भारत में पिछले साल हुए वर्ल्डकप (वनडे) में रचिन रवींद्र टॉप-4 बल्लेबाजों में थे। उन्होंने दस मैचों में तीन शतकों के साथ 578 रन बनाए थे जिसमें 17 छक्के लगाए थे। इसी तरह कुसल मेंडिस ने वनडे वर्ल्डकप ने 15 और इफ्तिखार ने 8 छक्के लगाए थे।