
नई दिल्ली । भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा है कि महिला पहलवान विनेश फोगाट को अपने संन्यास के फैसले पर फिर से विचार करना चाहिये। विनेश ने पेरिस ओलंपिक फाइनल से पहले वजन वर्ग में अयोग्य घोषित किये जाने के बाद निराश होकर खेल से संन्यास ले लिया था। कुश्ती महासंघ के प्रमुख का कहना है कि अगर विनेश केवल खेल जारी रखना चाहती हैं तो उन्हें अपने फैसले पर फिर विचार करना चाहिये पर अगर वह राजनीति में आना चाहती हैं तो बात अलग है। सिंह ने कहा, ‘अगर विनेश को केवल कुश्ती खेलनी है, तो उन्हें संन्यास के अपने फैसले पर एक बार पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि उनसे प्रेरणा लेकर महिला पहलवानों की हमारी नयी पीढ़ी आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अगर विनेश प्रतिस्पर्धात्मक कुश्ती में लौटती है तो महासंघ उन्हें पूरा सहयोग देगा। संजय ने यह भी कहा कि गत वर्ष हुए पहलवानों के आंदोलन से महासंघ ने सबक लिया है।
उन्होंने कहा,‘‘हम पेरिस ओलंपिक में भारतीय पहलवानों के छह पदक जीतने की उम्मीद कर रहे थे पर आंदोलन के कारण काफी समय तक कुश्ती की गतिविधियां ठप रहीं। इसी कारण इस बार ओलंपिक में केवल एक पदक ही मिल पाया है। उन्होंने हाल ही में जॉर्डन में खेली गई विश्व चैंपियनशिप में भारत की अंडर-17 महिला कुश्ती टीम का प्रदर्शन अच्छा रहा था। इससे पता चलता है कि भारतीय महिला कुश्ती बहुत अच्छी स्थिति में है और लगातार आगे जा रही है। संजय ने कहा, ‘अगर महासंघ को स्वतंत्र रूप से अपना काम करने दिया जाए और दो-चार संस्थाएं हमारे काम-काज में दखल देना बंद कर दें, तो हम अगले ओलंपिक में महिला कुश्ती में देश को चार से पांच पदक दिला सकते हैं।