पेरिस पैरा ओलम्पिक में जीते ब्रांज मेडल, ताशकंद में पांच मेडल का लक्ष्य: मुनव्वर
वाराणसी । पेरिश पैरालम्पिक में भारत के लिए ब्रांज मेडल जितने वाले कपिल परमार (सीहोर म. प्र.)के कोच व इंडियन ब्लाइंड एंड पैरा जुडो एसोसिशन के संस्थापक, जुडो के एकमात्र भारतीय विश्वस्तर के रेफरी मुनव्वर अंजार अली सिद्दीकी ने वाराणसी में कहा की विगत 12 वर्ष पूर्व भारत में जुडो पैरालम्पिक संघ का गठन किया गया और इतनी कम समय में पैरा ओलम्पिक में देश केलिए मेडल जीतना गौरव की बात है। मुनव्वर जाल्हूपुर स्थिति ज्ञानदीप स्कूल में आयोजित सीबीएसई कलस्टर जुडो प्रतियोगिता में बतौर अतिथि पधारे थे। उन्होंने बताया की अक्टूबर 2025 ताशकंद में आयोजित यूथ पैरालम्पिक में भारतीय जुडो की टीम भाग लेगी। इस प्रतियोगिता में कम से कम पॉच मेडल जितने का लक्ष्य बना कर, हमारे एसोसिशन की तैयारी चल रही है।
उन्होंने ने बताया की देश में प्रदेश स्तर पर बेसिक ब्लाइंड जुडो ट्रेनिंग चल रही है। बेसिक ट्रेनिंग के बाद हर वेट कटेगरी के चार-चार खिलाड़ियों को सेलेक्ट कर राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए तैयारी करते है। सीनियर वर्ग में 24 तथा जूनियर वर्ग में 30-32 जुडाको को रखते हैं। उन्होंने बताया की 28 व 29 सितम्बर को लखनऊ में देशभर से चयनित 20 जुडो खिलाड़ियों को बुलाया जाएगा, जो अक्टूबर 2025 में ताशकंद में आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेंगे। वह बताते हैं कि जब हमने देश में ब्लाइंड पैरा जुडो लेकर आए तो कुछ जगहों पर शिविर लगाने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक मदद जरूर मिली, लेकिन उतना ओलाम्पिक की तैयारी के लिए ना काफी रही। पैरा ओलम्पिक में पदक जितने के बाद सरकार का ध्यान जरूर जाएगा और विशेष बजट का प्रविधान किया जाएगा।
उल्लेखनीय है की मध्यप्रदेश के सिहोर निवासी कपिल परमार जिसकी बचपन में एक दुर्घटना में दोनों आँख की 80 फिसदी रोशनी चली गई। बचपन में गांव के अखाड़े में कुस्ती लड़ने वाला कपिल मुनव्वर के संपर्क में आया और कोच की कड़ी मेहनत और कपिल की जुडो के प्रति समर्पण ने उसने पैरा ओलम्पिक में मेडल जीत कर देश का नाम रौशन किया।