75 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान, विधान परिषद-राज्यपाल की मंजूरी के बाद बनेगा कानून
पटना । बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गुरुवार को आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 पेश किया गया। जिसे सर्व सम्मति से पास करा लिया गया। इसमें आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। राज्य के मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने बिल को अपना समर्थन दिया है। अब यह विधेयक विधान परिषद में रखा जाएगा। जहां से पास होने के बाद राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा।
विधानसभा में नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी अपील है कि केंद्र सरकार भी जातीय गणना कराए। उन्होंने केंद्र से भी आरक्षण बढ़ाने की मांग की है। सदन में सीएम ने विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराई है। विधेयक में ईडब्ल्यूएस के आरक्षण का जिक्र नहीं होने पर बीजेपी ने सवाल उठाया। जिस पर संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि ईडब्ल्यूएस का आरक्षण दूसरे अधिनियम से लागू होगा। ईडब्ल्यूएस आरक्षण पहले की तरह लागू रहेगा। इसके अलावा बिहार सचिवालय सेवा संशोधन विधेयक 2023, बिहार माल और सेवाकर द्वितीय संशोधन विधेयक-2023 भी पेश किया गया। विधानसभा में सीएम नीतीश और जीतनराम मांझी के बीच तीखी नोकझोंक हुई। मांझी आरक्षण विधेयक का विरोध कर रहे थे। तभी सीएम ने उन्हें बीच में ही टोका और कहा मेरी मुर्खता से ये मुख्यमंत्री बने थे।