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मप्र में पहली बार धर्म परिवर्तन कानून के तहत सजा

Indore new : म.प्र. धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3/5 मे आरोपी मोहम्मद साबिर उम्र 20 वर्ष, निवासी इंदौर को 5 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया गया है। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सुरेखा मिश्रा ने थाना हातोद के एक प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए उक्त आरोपी को इसके अलावा धारा 376 (3) भादवि एवं 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में 20-20 वर्ष तथा धारा 450 एवं 506 भा.दं.सं. में 07-07 वर्ष का सश्रम कारावास के साथ कुल 56000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।

मप्र में पहली बार धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने के मामले में बनाए गए कानून में सजा सुनाने के इस प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव के निर्देशन मे विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर द्वारा की गई. सक्षम न्यायालय द्वारा 5,0000 रुपये प्रतिकर राशि एवं संपूर्ण जुर्माना भी पीड़ित बालिका को दिलवाये जाने की अनुशंसा की है। मामले में पीड़ित पक्ष की और से हातोद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि कि 09 सितम्बर 2020 को पीडिता के साथ आरोपी साबिर खान जिसे वह स्कूल से पहचानती थी, ने घर में अकेली पाकर चाकू की नोक पर दुष्कर्म करने के बाद धमकाया था कि यदि यह बात किसी को बताई तो वह उसे जान से मार देगा।

इससे वह बहुत डर गई थी। इसलिये किसी से कुछ नहीं कहा। फिर कुछ दिन बाद साबिर उसके घर आया व उसके साथ फिर जबरदस्ती करने का प्रयास करने लगा। पीडिता के मना करने पर उसने कहा कि उस दिन उसने आपत्तिजनक स्थिति में उसके फोटो खीच लिये थे और वीडियो भी बनाया था। अगर जो वह बोलता है वह नहीं करेगी तो यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करके उसे व उसके परिवार को आत्महत्या करने के लिये मजबूर कर देगा। विवश हो वह साबिर के अनुसार करती रही उसके साबिर ने उसे धमकी देते कहा कि अब तुझे अपना धर्म बदलकर मुस्लिम बनना पड़ेगा और निकाह भी करना पड़ेगा और नहीं मानी तो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा।

इससे पीड़िता बहुत घबरा गई और अपने माता-पिता व भाई को पूरी बात बताई तथा उनके साथ थाने पर आकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जिस पर से अभियुक्त को उक्त दण्ड से दण्डित किया। माननीय न्यायालय द्वारा अपने निर्णय मे टिप्पणी की गई कि अभियुक्त द्वारा 16 वर्ष से कम उम्र की बालिका के साथ बलात्कार कर धमकी दी एवं कपटपूर्ण साधनो द्वारा धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बनाकर बाध्य किया, यह कृत्य ऐसा है जिस पर उदारतापूर्वक विचार किया गया, तो समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इसलिये उक्त कृत्य के लिये अभियुक्त के प्रति उदारता नहीं बरती जा सकती हैं।

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