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सिगरेट पीने की वजह से प्राण के हाथ लग गई थी

Pran Death Anniversary: आज हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के विलेन प्राण कृष्ण सिकंदर की डेथ एनिवर्सरी है। जी हां वहीं प्राण जो अपनी एक्टिंग से फिल्मों में जान फूंक देते थे। आज उनकी डेथ एनिवर्सरी पर जानते हैं एक्टर की जिंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से।

एक्टर से जुड़ी दिलचस्प कहानी (Pran Death Anniversary)

क्या आप जानते हैं कि 12 फरवरी 1920 के दिन पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान इलाके में जन्मे प्राण कृष्ण सिकंद ने एक्टिंग के बारे में तो कभी सोचा भी नहीं था। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि प्राण अपनी जिंदगी में कुछ खास करना चाहते थे। फिर पढ़ाई-लिखाई में उनका मन नहीं लगा तो मैट्रिक के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी। इस बाद शुरुआत में उन्होंने फोटोग्राफर बनने के बारे में सोचा और एक स्टूडियो में नौकरी कर ली। इसके लिए पहले वे शिमला पहुंचे और बाद में लाहौर का रुख कर लिया।

सिगरेट पीने की वजह से मिली थी फिल्म

आपको बता दें कि अक्सर सिगार के धुएं से छल्ले बनाने वाले प्राण को सिगरेट पीने की आदत थी और उनकी इसी आदत ने उन्हें सिनेमा का रास्ता दिखा दिया। दरअसल, एक बार वह पान की दुकान के सामने बड़े स्टाइल से सिगरेट का धुआं उड़ा रहे थे। उस दौरान पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के लेखक मोहम्मद वली भी वहां मौजूद थे। वह प्राण का अंदाज देखकर प्रभावित हो गए।

यमला जट से किया था डेब्यू

उन्होंने प्राण को अगले दिन मिलने के लिए बुलाया, लेकिन वह नहीं गए, क्योंकि एक्टिंग में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी। कुछ दिन बाद मोहम्मद वली की मुलाकात प्राण से दोबारा हुई। इस बार उनके ऑफर को प्राण ठुकरा नहीं पाए और सिनेमा को प्राण मिल गए। प्राण ने 1940 में आई फिल्म यमला जट से डेब्यू किया। उन्होंने खलनायकों के किरदार को पर्दे पर इतनी बेहतरीन तरीके से उतारा कि असल जिंदगी में भी लोग उन्हें विलेन समझने लगे।

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