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स्थाई कर्मी 27 सितंबर 2023 को खून से लिखेंगे अपनी मांगे

Employees will write their demands in blood : प्रदेश के स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी 27 सितंबर 2023 को अपनी नियमित कारण ,सातवें वेतनमान का लाभ ,अनुकंपा नियुक्ति, एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को विनियमित स्थाई कर्मी बनाने की मांग का ज्ञापन खून से लिखकर अपना अनिश्चितकालीन महा सत्याग्रह( Indefinite Maha Satyagraha begins)  शुरू करेंगे।

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि मुख्यमंत्री को स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पिछले 19 वर्षों में हजारों ज्ञापन( Thousands of memos over the last 19 years)  हस्तलिखित सौप चुके हैं लेकिन मुख्यमंत्री ने स्थाई कर्मियों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की न्यायौचित मांगों को संज्ञान में नहीं लिया है इसलिए प्रदेश के स्थाई कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने निर्णय लिया है कि मुख्यमंत्री को अंतिम ज्ञापन महा सत्याग्रह आंदोलन के माध्यम से रक्त से लिखकर सौंपेंगे राज्य सरकार ने प्रदेश के स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के साथ पिछले 19 वर्षों में घोर अन्याय किया है इसी कर्मियों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मूलभूत अधिकारों का हनन किया है सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद मात्र एक विभाग लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ एरियर सहित वर्ष 2016 से दिया है अन्य शासकीय एवं अर्ध शासकीयकी विभागों निगम मंडलों पंचायत निकायों सहकारी संस्थाओं संघो परिषदों आयोगों में कार्यरत स्थाई कर्मियों को सातवां वेतनमान का लाभ सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के 8 साल बाद भी नहीं दिया है दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को भी नियमित स्थाई कर्मी बनाने में भी सरकार ने दोहरे मापदंड अपनी है भेदभाव किया है मात्र 2007 तक नियुक्ति दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मी में विनियमित किया गया है जबकि विनियमित करने का आदेश 7 अक्टूबर 2016 को सरकार ने जारी किया था और सरकार को वर्ष 2016 तक नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमित स्थाई कर्मी बनाना था लेकिन नौकरशाही की गलत नीतियों और सरकार की मंशा के अभाव कारण दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वास्तविक अधिकारों का हनन हुआ है सरकार ने अनियमित कर्मचारियों की मांगों को चुनावी वर्ष में भी पूरा नहीं किया है अब अनियमित कर्मचारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सिद्धांतों का अनुसरण करके अपना अनिश्चितकालीन आंदोलन चलाएंगे और सरकार से आर पार का संघर्ष करके अपनी मांगों को मंजूर करायेंगे।

                            

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