लोक निर्माण विभाग के स्थाई और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को मिलेगा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का लाभ

लोक निर्माण विभाग ने आदेश जारी किए
भोपाल। लोक निर्माण विभाग मध्यप्रदेश शासन ने आदेश जारी करा है कि प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में कार्यरत न्यायालय से आदेश प्राप्त स्थाई कर्मियों दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को सर्वोच्च न्यायालय के राम नरेश रावत बनाम लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मामले में पारित आदेश के परिपालन में एरियर सहित वेतनमान का लाभ दिया जाए इस आदेश से प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में कार्यरत हजारों स्थाई कर्मियों दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को एरियर सहित न्यूनतम वेतन मान का लाभ होगा।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि संगठन लंबे समय से मांग कर रहा था कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 15:12 2016 राम नरेश रावत बनाम लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की याचिका में पारित आदेश के पालन में प्रदेश के स्थाई कर्मियों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को एरियर सहित दिसंबर 2016 से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का लाभ देते हुए एरियर सहित सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए। लेकिन लोक निर्माण विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का तो पालन कर लिया है लेकिन अभी सिर्फ उच्च न्यायालय से आदेश प्राप्त स्थाई कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को ही स्थाई दिनांक से न्यूनतम वेतन मान एवं दिसंबर 2016 से एरियर का भुगतान करने का आदेश जारी करे है।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि लोक निर्माण विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लागू कर दिया है इसलिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का लाभ प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में कार्यरत समस्त स्थाई कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को दिया जाए यदि समस्त स्थाई कर्मी एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का लाभ नहीं दिया गया तो मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच स्थाई कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को साथ लेकर न्यायालय में अवमानना याचिका दायर करेगा।