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महिला आरक्षण विधेयक संसद में पारित होना सभी दल का सामूहिक प्रयास, इसपर गर्व होना चाहिए : सीजेआई

नई दिल्ली । भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के दौरान संसद में गूंजे सभी दलों के प्रयासों पर गर्व होना चाहिए। बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वकील सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित की सीजेआई ने कहा कि ऐसी भावना संविधान के निर्माण के दौरान दिखी थी, जहां दलगत और परस्पर विरोधी विचारधाराओं से ऊपर उठकर सदस्य संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए एक स्वर में एक साथ आए।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जहां न्यायपालिका कानून के शासन को बरकरार रखती है, वहीं बार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वकील व्यावसायिक दक्षता और सीमा पार लेनदेन में मदद करते हैं और राष्ट्रीय कल्याण और आर्थिक विकास में योगदान देते हैं। उन्होंने जोर दिया कि अब वकीलों के लिए वैश्विक परिदृश्य में दुनिया भर में पहुंचने का समय आ गया है। सीजेआई ने बताया कि मोदी सरकार ने ई-कोर्ट परियोजना के तीसरे चरण के लिए 7,000 करोड़ से अधिक का बजट आवंटित किया है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संरचना कार्यपालिका और न्यायपालिका को अलग-अलग छोर पर खड़ा कर सकती है लेकिन दोनों का उद्देश्य एक ही है, राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि। इसके पहले केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कोरोना महामारी के दौरान दुनिया में सबसे अधिक संख्या में वर्चुअल सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सराहना की थी।

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