Use of plastic can cause liver damage along with sperm deficiency in men. प्लास्टिक के सेवन से हो सकता है गंभीर स्वास्थ्य संकट, जानें इसके खतरनाक प्रभाव
Use of plastic can cause liver damage along with sperm deficiency in men. प्लास्टिक के सेवन से हो सकता है गंभीर स्वास्थ्य संकट, जानें इसके खतरनाक प्रभाव
नई दिल्ली। Use of plastic can cause liver damage along with sperm deficiency in men. प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर चुनौती बन गया है। प्लास्टिक के उपयोग से न केवल पर्यावरण पर नकारात्मक असर पड़ता है बल्कि इससे कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीना और प्लास्टिक पैकेजिंग में रखे खाद्य पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। भारत हर साल लगभग 35 लाख टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है, जो प्रति व्यक्ति उत्पादन के हिसाब से लगातार बढ़ रहा है।
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग प्लास्टिक की बोतलों से पानी पीते हैं, उनके शरीर में बिस्फेनॉल ए (बीपीए) नामक रसायन का स्तर अधिक पाया गया। यह रसायन हृदय रोग, डायबिटीज, हार्मोनल असंतुलन और बांझपन जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। इसके अलावा, प्लास्टिक की बोतलें गर्मी के संपर्क में आने पर माइक्रो प्लास्टिक कण छोड़ती हैं, जो लिवर, किडनी और स्पर्म काउंट पर नकारात्मक असर डालते हैं।
Use of plastic can cause liver damage along with sperm deficiency in men. प्लास्टिक का दुष्प्रभाव पर्यावरण पर भी पड़ता है। प्लास्टिक बोतलें और अन्य प्लास्टिक सामग्री हजारों वर्षों तक मिट्टी और जल स्रोतों को प्रदूषित करती रहती हैं। इस कारण भूमि और जल में मौजूद जीव-जंतुओं के जीवन पर भी बुरा असर पड़ता है। विशेषज्ञों की सलाह है कि प्लास्टिक के बजाय स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों का चयन करें जैसे कि स्टील, तांबे, कांच आदि से बने बर्तन और बोतलें, जो शरीर के लिए सुरक्षित हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि प्लास्टिक का नियमित सेवन करने से पुरुषों में स्पर्म काउंट घट सकता है, वहीं महिलाओं में असमय यौवन का खतरा बढ़ सकता है। इसके अतिरिक्त, प्लास्टिक बोतलों से पीने वालों में लिवर और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक होता है।
समाधान और सावधानी: प्लास्टिक से बचना अब समय की आवश्यकता बन गया है। हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण को बचाने के लिए यह जरूरी है कि हम प्लास्टिक उत्पादों का कम से कम उपयोग करें। इसके स्थान पर प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक सामग्री से बने बर्तन अपनाएं। प्लास्टिक के खतरों से अवगत रहते हुए, सही और सुरक्षित विकल्पों की ओर कदम बढ़ाएं।