Madhya Pradesh

सोना कारोबारी से मारपीट कर लाखो की अड़ीबाजी करने वाले तीन फरार आरक्षको में से एक आरक्षक गिरफ्तार

Bhopal crime gold हबीबगंज थाना पुलिस ने सोना कारोबारी गौरव जैन का अपहरण कर उससे मारपीट करते हुए साढ़े पांच लाख की रकम वसूलने वाले फरार तीन पुलिस आरक्षको में से एक आरक्षक पवन तोमर को छह माह बाद गिरफ्तार किया है। सूत्रो के अनुसार हबीबगंज पुलिस ने गुपचुप कार्यवाही करते हुए आरोपी पवन तोमर को गिरफ़्तार करने के बाद शुक्रवार को ही जेल भेज दिया। फरार आरोपी को हबीबगंज थाना इलाके में स्थित अर्जुन नगर से दबोचा गया है। सूत्र बताते है कि यहॉ पवन फ़रियादी से मिलने आया था, और उससे बातचीत कर समझौता करना चाहता था। उसी दौरान पुलिस ने उसे पकड़ लिया। मामले में शामिल तीन आरक्षको में से दो आरोपी पुलिसकर्मी अभी भी फ़रार चल रहे है।
कोलार रोड निवासी गौरव जैन का सोने का कारोबार है। उन्होनें अपनी शिकायत में बताया था की फरवरी माह में दोपहर करीब साढ़े तीन बजे वह अपनी कार से घर लौट रहे थे। रास्ते में बंजारी मैदान के पास एक कार ने उनकी कार को ओवरटेक कर रोका और उसमें से चार युवक बाहर निकले। चारो में दो कालोर रोड थाने के आरक्षक देवेंद्र श्रीवास्तव और रोहित शर्मा थे। उन्होंने गौरव के पास आकर बताया कि उनके साथ मौजूद दो अन्य लोग भी पुलिस कर्मी है, जो इंदौर क्राइम ब्रांच से है। इसके बाद उन्होनें गौरव को एक वारंट दिखाते हुए कहा कि यह वारंट उसका है, और अगर उन्होनें उसे पकड़ा तो चार-पांच महीने वो जेल से बाहन नहीं निकल सकता। इसके बाद आरोपियो ने उससे 10 लाख रुपये देने की मांग की। इतनी बड़ी रकम देने से मना करने पर आरोपियो ने उसे अपनी कार बिठाया और शहर में कई इलाको में घुमाते हुए उसके साथ जमकर मारपीट करते हुए रकम देने की अड़ीबाजी करने लगे। अपनी जान बचाने के लिये गौरव ने अपने परिचित से पांच लाख रुपये लेकर उन्हें दे दिए थे। रकम लेने के बाद आरोपियो ने उसे पालिटेक्निक कालेज के पास छोड़ते हुए बाकी की रकम भी जल्द देने की धमकी दी थी। इसके बाद पीड़ीत ने आला अफसरो से इसकी शिकायत की। अधिकारियो ने इसे गंभीरता से लिया जिसके बाद गौरव की शिकायत पर कोलार रोड पुलिस ने 16 फरवरी 2023 को आरक्षक देवेंद्र श्रीवास्तव, रोहित शर्मा, पवन तोमर सहित एक अन्य के खिलाफ किडनेप, अडीबाजी, मारपीट समेत अन्य धाराओं में मामला कायम किया। घटना को लेकर कड़े कदम उठाते हुए पूर्व पुलिस आयुक्त् मकरंद देऊस्कर ने दोनों आरक्षकों को बर्खास्त करते हुए टीआई को संस्पेंड करते हुए मामले की जांच हबीबगंज थाना प्रभारी मनीष राज भदौरिया को सौंपी थी। उसके बाद से ही आरोपी फरार चल रहे थे।

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