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पीएम मोदी के डिजिटल प्रोग्राम में सेंध, फर्जीवाड़ा कर रही है ओएफसी फाइबर मेंटेनेंस कंपनी

 

ग्राम पंचायत तक डाली गई फाइबर ओएफसी लाइन खराब हुई

– कई ग्राम पंचायतों में नहीं है इंटरनेट कनेक्टिविटी लेकिन कागजों में सब ठीक

– मेंटेनेंस के नाम पर फर्जी बिलों का सहारा

Mp shivpuri Fraud even in Gram Panchayats where there is no connectivity : शिवपुरी जिले में प्रधानमंत्री मोदी की मंशा अनुरूप ग्राम पंचायत को डिजिटल करने में कुछ भ्रष्ट अफसर ने सेंध लगा दी है। जिले के तीन ब्लॉक करैरा, पिछोर, शिवपुरी में बीएसएनएल द्वारा हर ग्राम पंचायत को इंटरनेट से जोड़ने के लिए ओएफसी फाइबर लाइन डाली गई थी इस ओएफसी फाइबर लाइन को मेंटेन करने का काम डीबीईएल कंपनी द्वारा किया जा रहा है। मेंटेनेंस के नाम पर लाखों रुपए का बजट प्रतिमाह दिया जाता है लेकिन संबंधित कंपनी डीबीईएल कंपनी द्वारा फर्जीबाड़ा किया जा रहा है। कई ग्राम पंचायत में हालात यह है कि वहां पर इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है लेकिन कागजों में यहां पर संबंधित ग्राम पंचायत तक इंटरनेट कनेक्टिविटी बताई जा रही है। कई जगह स्थिति यह है कि फाइबर लाइन कट चुकी है या खराब हो चुकी है इसके विपरीत कंपनी फर्जीवाड़ा करने में लगी है।

– मेंटनेंस के नाम पर घपला

शिवपुरी जिले में तीन ब्लॉक करैरा, पिछोर और शिवपुरी में बीएसएनएल द्वारा हर ग्राम पंचायत में इंटरनेट कनेक्टिविटी चालू करने के लिए ओएफसी फायबर लाइन डालने के बाद इसके मेंटेनेंस का काम डीबीईएल कंपनी को दिया गया। लेकिन कागज में ही मेंटेनेंस किया जा रहा है। जिन ग्राम पंचायतों में कनेक्टिविटी नहीं है वहां भी फर्जीबाड़ा कर इनके बिल निकाले जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया है कि स्थिति यह है कि अन्य जगह या पंचायतों में संबंधित कनेक्टिविटी की मशीनें लगाकर नेटवर्क चालू बताया जा रहा है। यह फर्जीबाड़ा कई पंचायतों में चल रहा है। वहीं कंपनी का मेंटेनेंस कार्य में जो खर्चा बच रहा है उसे कलेक्शन के रूप में जेब में संबंधित अधिकारी रख रहे हैं। इस पूरे खेल में नेटवर्क इंजीनियर कंपनी अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं।

– मेंटेनेंस के नाम पर फर्जी बिल हो रहे पास

इस पूरे खेल में मेंटेनेंस कंपनी के साथ इस पर मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी भी मिले हुए हैं। जिले में हालत यह है कि पूर्व में कई ग्राम पंचायत स्तर तक ओएफसी फाइवर लाइन डालने में घपला हुआ। इसके बाद अब इसके मेंटनेंस पर जो बिल पास हो रहे हैं उसमें घपला किया जा रहा है। सरकार की मंशा थी कि ग्रामीण स्तर तक इंटरनेट पहुंचकर ग्रामीणों को इसका फायदा मिले लेकिन भ्रष्ट अफसरों ने सरकार की इस मंशा पर पानी फेर दिया। इस पूरे खेल में बीएसएनएल के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। बताया जा रहा है कि मेटनेंस के साथ इंटरनेट का फर्जी बिल भी लाखों रुपए की राशि का भुगतान किया जा रहा है। जब ग्राम पंचायत पर इंटरनेट पहुंच ही नहीं है तो इसके बिल कैसे आ रहे हैं और इन फर्जी बिलों का भुगतान भी हो रहा है। बताया जा रहा है कि इस स्थानीय बीएसएनल अधिकारी व भारत नेट के नेटवर्क इंजीनियर जो वर्तमान मे श्योपुर व शिवपुरी का इस योजना को देख रहे हैं इनकी मिलीभगत से यह खेल चल रहा है। पिछले एक साल से बैंडर के साथ मिलकर यह खेल हो रहा है।

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