रायपुर सेंट्रल जेल में फिर भड़की हिंसा, बैरक में वर्चस्व की लड़ाई में कैदी पर चाकू से हमला
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सेंट्रल जेल में कैदियों के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में जेल के अंदर हुई एक चाकूबाजी की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। इस घटना में एक कैदी पर चाकू से हमला किया गया, जिसे गंभीर हालत में इलाज के लिए आंबेडकर अस्पताल ले जाया गया।
क्या है मामला?
सूत्रों के अनुसार, यह विवाद करीब पंद्रह दिन पहले हुई चाकूबाजी की घटना का बदला लेने के लिए हुआ था। मौदहापारा थाना क्षेत्र के कुख्यात बदमाश आसिफ उर्फ बुट्टी ने तेलीबांधा थाना क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर सैयद नदीम पर चाकू से वार कर दिया। सैयद नदीम पहले से ही दीपक नायडू की हत्या के आरोप में पिछले पांच साल से जेल में सजा काट रहा है। इस हमले में नदीम के गाल, चेहरे और सिर पर गंभीर चोटें आई हैं।
कैसे बना चाकू?
कैदियों ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए चम्मच को घिसकर चाकू में बदल लिया और इसी से एक-दूसरे पर हमला किया। बताया जा रहा है कि खाना खाने के दौरान चम्मच को चोरी कर इसको धारदार हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया। घटना जेल के ‘छोटी गोल’ बैरक में हुई, जहां दोनों बदमाश बंद थे।
बदला लेने के लिए किया गया हमला
जांच में सामने आया है कि आसिफ ने यह हमला मौदहापारा के बदमाश शेख साहिल पर 12 जून को हुए हमले का बदला लेने के लिए किया था। हमले के समय सभी बदमाश एक ही बैरक में बंद थे, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। इस वारदात के बाद जेल प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को अलग-अलग बैरकों में शिफ्ट कर दिया है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो सकें।
जेल प्रशासन की लापरवाही?
इस घटना ने एक बार फिर जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि घटना की रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं होती तो बदमाशों का मनोबल और बढ़ सकता था। लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद जेल प्रबंधन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिससे कैदियों में दबदबा कायम करने की होड़ बढ़ती जा रही है।
कैसे रुकेगी जेल में बढ़ती हिंसा?
रायपुर सेंट्रल जेल में इस तरह की हिंसा की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। वर्चस्व की लड़ाई और आपसी रंजिश में कैदी आए दिन एक-दूसरे पर हमला करते रहते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक जेल में सुरक्षा के सख्त इंतजाम नहीं किए जाएंगे और कैदियों के बीच बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर लगाम नहीं लगेगी, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी।
इस घटना ने एक बार फिर जेल प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर जेल की चारदीवारी के अंदर इस तरह के अपराधों को कैसे रोका जाए। वहीं, जेल प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।