National

हाईकोर्ट ने 9675/- रुपये के गबन मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले को आंशिक रूप से बदला, सजा घटाकर आरोपी को किया रिहा

इंदौर: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने 15 साल पुराने 9675 रुपये के गबन मामले में आरोपी की सजा को कम करने का फैसला किया है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की बेंच ने ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपी को दोषी ठहराने के निर्णय को सही माना, लेकिन सजा की अवधि 10 साल से घटाकर 4 साल 11 महीने कर दी। आरोपी शशि मिश्रा, जो अनुसूचित जाति/जनजाति कन्या छात्रावास महूगांव की तत्कालीन अधीक्षिका थीं, को अब रिहा करने के आदेश दिए गए हैं।

यह मामला अप्रैल 2009 का है, जब छात्रवृत्ति की राशि में 9675 रुपये की धोखाधड़ी और गबन की शिकायत की गई थी। जांच के बाद केस दर्ज हुआ और 8 नवंबर 2019 को ट्रायल कोर्ट ने शशि मिश्रा को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। शशि मिश्रा ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की, जिसमें कोर्ट ने माना कि 9675 रुपये की राशि 2010 में भी कोई बड़ी रकम नहीं थी और 10 साल की सजा अधिक है।

हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी ने 4 साल 11 महीने की सजा पहले ही भुगत ली है और उसे अन्य किसी मामले में हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है। इस आधार पर कोर्ट ने उसे रिहा करने का आदेश दिया।

Related Articles