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गाजियाबाद में कानून व्यवस्था पर सवाल: पानी के विवाद में तीन पर गोलीबारी

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कानून व्यवस्था की हालत गंभीर होती जा रही है। रसूलपुर धौलड़ी के निवासी पप्पू और उनके दो बेटों चांद और राजा को खेत में पानी लगाने के विवाद में दीपक त्यागी और उसके साथियों ने गोलियों से भून दिया। पप्पू और उनके बड़े बेटे की लाश रजवाहे से बरामद हुई, जबकि छोटा बेटा चांद मेरठ के अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है।

सोशल मीडिया पर आक्रोश

@ghaziabadpolice को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर लोग प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। सैयद दिशाद अहमद ने इस घटना को लेकर कहा, “अगर कोई मुस्लिम को मारता है तो पुलिस के साथ-साथ सरकार भी अपराधी को सम्मानित करती है। हो सकता है आने वाले चुनाव में बीजेपी उसे टिकट भी दे दे। गलती आप लोगों की है जो एफआईआर करने पुलिस के पास जाते हो, उल्टा आपको ही पुलिस फंसा देती है।”

इम्तियाज अली ने कहा, “खेत में पानी के लिए जिंदगी का अंत, मानवता का अंत।”

पुलिस की प्रतिक्रिया

गाजियाबाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, घटना ने पुलिस की कार्यक्षमता और प्रदेश में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने राजनीतिक माहौल को भी गरमा दिया है। आगामी चुनावों को देखते हुए इस तरह की घटनाएं सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस का कारण बन रही हैं।


गाजियाबाद की यह घटना प्रदेश में कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति को उजागर करती है। प्रशासन को त्वरित और कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके और जनता में सुरक्षा की भावना बनी रहे।

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