
नई दिल्ली । पिछले वर्ष दिसंबर में इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो के दरवाजे में कपड़ा फंसने से महिला की मौत की घटना के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) मेट्रो ट्रेनों के दरवाजे में एंटी ड्रैग सिस्टम लगाएगा। इससे मेट्रो के दरवाजों के बीच रूमाल, साड़ी, बेल्ट या कोई भी चीज फंसने पर मेट्रो आगे नहीं बढ़ पाएगी। इससे भविष्य में इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन जैसी घटनाओं को रोका जा सकेगा। डीएमआरसी ने पायलेट परियोजना के रूप में अभी रेड व ब्लू लाइन की पांच मेट्रो ट्रेनों के 40 कोच के दरवाजों में यह सिस्टम लगाने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए डीएमआरसी ने टेंडर प्रक्रिया शुरू की है। करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की लागत से रेड लाइन की तीन ट्रेन और ब्लू लाइन के दो ट्रेनों के दरवाजों में एंटी ड्रैग सिस्टम लगेगा। टेंडर आवंटन के बाद 15 महीने में कार्य पूरा होगा। योजना के अनुसार दो तरह के एंटी ड्रैग सिस्टम लगेंगे। पहला स्टेटिक एंटी ड्रैग और दूसरा डायनेमिक एंटी ग्रैग सिस्टम होगा। स्टेटिक एंटी ड्रैग सिस्टम का सेंसर पांच मिलीमीटर तक की पतली चीजों को भी पकड़ने में सक्षम होगा। इसलिए मेट्रो के दरवाजों में पांच मिलीमीटर मोटाई की कोई भी चीज फंसने पर यह ट्रेन को प्लेटफार्म से आगे नहीं बढ़ने देगा और दरवाजे पर लगी लाइट ब्लिंक करने लगेगी। मेट्रो के दरवाजों के बीच में 0.8 मिलीमीटर की पतली चीजें भी फंसने पर यह सिस्टम सक्रिय हो जाएगा। इससे मेट्रो के खुलने पर इमरजेंसी ब्रेक लगने से ट्रेन आगे नहीं बढ़ पाएगी। इसलिए मेट्रो के दरवाजों में रूमाल, साड़ी, बैग का फीता इत्यादि फंसने पर एंटी ड्रैग सिस्टम का सेंसर यात्री की सुरक्षा के लिए अहम साबित होगा। मौजूदा समय में मेट्रो के दरवाजे में 15 मिलीमीटर तक की कोई चीज फंसने पर ही दरवाजे बंद नहीं हो पाते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 14 दिसंबर को रेड लाइन के इंद्रलोक स्टेशन पर मेट्रो के दरवाजे में एक महिला की साड़ी फंस गई थी। इस वजह से महिला मेट्रो के साथ करीब 200 मीटर घसीटती चली गई थी।