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असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में घोटाले का नया खुलासा: इतिहास विषय में 36 प्रश्न दूसरी परीक्षाओं से कॉपी!

पेपर लीक, सील टूटी, CCTV गायब, वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं — जांच की मांग तेज़

चंडीगढ़ । हरियाणा में आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा को लेकर एक बार फिर बड़ा विवाद सामने आया है। इस बार इतिहास (History) विषय के परिणामों में पारदर्शिता की भारी कमी, प्रश्नपत्र की सील टूटी होने, CCTV और वीडियोग्राफी की गैर-मौजूदगी, और सबसे बड़ा खुलासा — प्रश्नपत्र के कॉपी-पेस्ट होने को लेकर परीक्षार्थी खुलकर विरोध कर रहे हैं।

पेपर में भारी गड़बड़ी: 36 प्रश्न अन्य राज्यों से उठाए गए!

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही रिपोर्ट्स और अभ्यर्थियों के विश्लेषण के अनुसार, इतिहास विषय के प्रश्नपत्र में 22 प्रश्न छत्तीसगढ़ और 14 प्रश्न उत्तराखंड की पुरानी परीक्षाओं से शब्दशः (word-to-word) कॉपी किए गए थे। यह खुलासा भर्ती की प्रक्रिया की शुचिता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाता है।

पेपर लीक, टूटी सील, और निगरानी तंत्र नाकाम

कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि परीक्षा के दौरान पेपर की सील टूटी हुई मिली, जिससे संदेह है कि परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो चुका था। परीक्षा केंद्रों में CCTV कैमरे नहीं थे, न ही कोई वीडियोग्राफी करवाई गई, जिससे प्रक्रिया की निगरानी लगभग नामुमकिन हो गई।

टॉपर पर भी उठे सवाल: 96 में से 94 अंक नेगेटिव मार्किंग में!

परिणामों की घोषणा के बाद पता चला कि एक उम्मीदवार ने सिर्फ़ 2 प्रश्न गलत किए, जबकि 4 प्रश्न हटाए गए और 8 प्रश्नों के उत्तर बदले गए। यह संदेह गहराता है कि परिणाम पूर्व-निर्धारित या सेटअप किए गए थे।

हरियाणा के युवाओं की भागीदारी बेहद कम!

जनरल कैटेगरी में चयनित उम्मीदवारों में हरियाणा के युवाओं की संख्या बेहद सीमित है। आरोप लगाया जा रहा है कि बहारी राज्यों से जुड़े उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी गई और स्थानीय अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन हुआ।

युवाओं का आक्रोश: #भर्ती_बेचो_गैंग ट्रेंड में

भर्ती_बेचो_गैंग और #श्वेता_ढुल जैसे हैशटैग्स ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ट्रेंड कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी युवा मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से पारदर्शी जांच, परीक्षा की CBI जांच, और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।


श्वेता ढुल की अपील: “अब नहीं तो कब?”

भर्ती परीक्षा में कथित धांधलियों को लेकर श्वेता ढुल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि “ये सबकुछ सरकार के संरक्षण में हो रहा है। ये योग्य अभ्यर्थियों को चिढ़ाते हैं – जैसे कह रहे हों, ‘तुम्हारा हक ऐसे ही खाएंगे’। अगर अब नहीं लड़ोगे, तो कब?”

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