
नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पिछले दस वर्षों की बीजेपी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार ने देश में “अघोषित आपातकाल” की स्थिति उत्पन्न कर दी है, जिससे लोकतंत्र और संविधान को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
खड़गे के मुख्य आरोप:
- अतीत को कुरेदना: खड़गे ने कहा, “देश भविष्य की ओर देख रहा है, लेकिन आप अपनी कमियाँ छिपाने के लिए अतीत को ही कुरेदते रहते हैं।”
- अघोषित आपातकाल: पिछले 10 वर्षों में 140 करोड़ भारतीयों को “अघोषित आपातकाल” का आभास कराया गया, जिससे लोकतंत्र और संविधान को गहरा आघात पहुंचा है।
- सरकारों को गिराना: खड़गे ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने पार्टियों को तोड़ने और चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए चोर दरवाजे का इस्तेमाल किया।
- एजेंसियों का दुरुपयोग: 95% विपक्षी नेताओं पर ED, CBI, और IT का दुरुपयोग किया गया, मुख्यमंत्रियों तक को जेल में डाला गया।
- लेवल प्लेइंग फील्ड बिगाड़ना: चुनावों से पहले सत्ता का दुरुपयोग करके निष्पक्षता को प्रभावित किया गया।
खड़गे के प्रमुख सवाल:
- विपक्षी सांसदों का निलंबन: खड़गे ने सवाल उठाया कि 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित करके तीन महत्वपूर्ण कानून पारित किए गए, तब “सहमति” कहां थी?
- महान विभूतियों की प्रतिमाएं: संसद में छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी और बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमाओं को बिना विपक्ष से पूछे स्थानांतरित किया गया।
- किसानों पर अत्याचार: तीन कृषि कानूनों के थोपने और किसानों पर अत्याचार के समय सहमति का अभाव।
- अन्य विवादित निर्णय: नोटबंदी, अचानक लागू किया गया लॉकडाउन, और इलेक्टोरल बॉन्ड्स के कानून पर भी सहमति नहीं बनी।
संसदीय प्रक्रियाओं का हनन:
खड़गे ने दावा किया कि 17वीं लोकसभा में सबसे कम विधेयक (16%) संसदीय स्थायी समिति के समक्ष गए और लोकसभा में 35% विधेयक एक घंटे से कम समय में पारित हुए। राज्यसभा में भी यह आंकड़ा 34% था, जो संसदीय प्रक्रियाओं के हनन का प्रतीक है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर लोकतंत्र और संविधान की दुर्दशा का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र और संविधान का साथ दिया है और आगे भी देती रहेगी। खड़गे के ये आरोप सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हैं और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जन जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।
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