लखनऊ: अयोध्या हाईवे पर शुक्रवार देर रात हुए भीषण हादसे का मंजर बेहद भयावह था। इस हादसे में गर्भवती नीलम का पेट फट गया, जिससे घटनास्थल की जमीन खून से लाल हो गई थी। यह दृश्य देखकर हर किसी की रूह कांप उठी। उमेश के भाई और अन्य परिवारजन घटनास्थल पर बिलखते रहे, लेकिन बेबस थे, क्योंकि कुछ ही सेकंड में उनके अपनों की सांसें थम चुकी थीं।
मांस के लोथड़े और खून से सने शव चारों ओर बिखरे पड़े थे। कई शव क्षत-विक्षत हो चुके थे। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह से सभी शवों को सील करके पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम के बाद दंपती का अंतिम संस्कार किया गया, जबकि उनके दोनों बेटों को दफनाया गया। परिवारवालों ने बताया कि उमेश पिछले आठ महीने से हाईवे किनारे झोपड़ी डालकर रह रहे थे।
### धमाके से दहशत का माहौल
डंपर के पलटने से तेज धमाका हुआ, जिससे आसपास की झोपड़ियों में रहने वाले लोग और राहगीर सहम गए। कुछ देर तक किसी को समझ नहीं आया कि आखिर हुआ क्या है। जब धरम सिंह और उनका परिवार घटनास्थल पर पहुंचे, तो पता चला कि उनके चाचा का परिवार इस हादसे का शिकार हो गया है।
झोपड़ी के भीतर तीनों बच्चे सनी (13), गोलू (4) और बेटी वैष्णवी (7) एक तख्त पर सो रहे थे। इस हादसे में वैष्णवी बच गई, जबकि अन्य सभी की मौत हो गई। वैष्णवी को कोई चोट नहीं आई, जिससे लोग कहने लगे “जाको राखे साइयां, मार सके न कोय…”। माता-पिता और दोनों भाइयों की मौत से वैष्णवी को गहरा सदमा लगा है।
### गुस्साए लोगों ने ड्राइवर और क्लीनर को पीटा
हादसा होते ही गोंडा निवासी चालक पंकज और क्लीनर बाहर निकले, दोनों घायल थे। गुस्साए लोगों ने उन्हें पीटा, लेकिन वे भागने लगे और कुछ दूर जाकर गिर गए। पुलिसकर्मियों ने उन्हें देखा और अस्पताल में भर्ती कराया। पंकज के पैर टूट गए हैं, जबकि क्लीनर के हाथों में चोटें आई हैं।
### गरीबी से उबरने के लिए गए थे लखनऊ
भोर करीब छह बजे, बाराबंकी की जैदपुर के बुनकर कॉलोनी में रहने वाले भाई अमर सिंह और महेश को लखनऊ पुलिस का फोन आया। बताया गया कि एक डंपर से कुचलकर चार लोगों की मौत हो गई है, जिसमें उमेश और नीलम आपके भाई और भाभी हैं। यह सुनकर परिवार में कोहराम मच गया। बुजुर्ग पिता श्यामलाल और मां बेहोश हो गए। परिजनों ने बताया कि उमेश गरीबी से उबरने के लिए लखनऊ गया था, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।