बारामूला। जम्मू-कश्मीर के बारामूला से सांसद और अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के अध्यक्ष इंजीनियर राशिद, जो आतंकी फंडिंग मामले में अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आए हैं, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नया कश्मीर’ विचार पर तीखा हमला किया है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के प्रचार की अनुमति दी है, जबकि उनकी नियमित जमानत याचिका पर फैसला अभी लंबित है।
जेल से रिहा होते ही राशिद ने मोदी के नए कश्मीर पर टिप्पणी करते हुए कहा, “मैं अपने लोगों को निराश नहीं करूंगा। मैं शपथ लेता हूं कि मैं पीएम मोदी के नए कश्मीर के नैरेटिव से संघर्ष करूंगा, जो जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह से असफल हो चुका है। 5 अगस्त 2019 को किए गए कदमों को लोगों ने नकार दिया है। मैं अपने लोगों के लिए काम करने के प्रति प्रतिबद्ध हूं।”
राशिद ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा, “मोदी जी, मैं आपको कहना चाहता हूं कि न तो डरे और न ही डराएं। हम डरने वाले नहीं हैं। मेरी लड़ाई उमर अब्दुल्ला की तरह कुर्सी के लिए नहीं है, बल्कि लोगों के अधिकारों के लिए है। मेरे लिए कश्मीर का मुद्दा प्राथमिक है, न कि सरकार। मैं बीजेपी का शिकार हूं और पीएम मोदी की विचारधारा के खिलाफ अपनी आखिरी सांस तक लड़ूंगा। मेरा मकसद कश्मीर के लोगों को एकजुट करना है, बांटना नहीं।”
राशिद ने चुनावी गठबंधनों पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की, यह कहते हुए कि वह कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं और किसी भी चुनावी गठबंधन से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इंजीनियर राशिद की जेल से चुनावी सक्रियता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “एक तरफ जेल में बंद गरीबों को अपने परिजनों से मिलने की इजाजत नहीं है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग जेल से चुनाव लड़ रहे हैं, पार्टियां बना रहे हैं और उन्हें वाहन तथा सुरक्षा मिल रही है।”
इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाने की तैयारी में है। उनके जेल से बाहर आने के बाद जम्मू-कश्मीर की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।