
भोपाल: 1 जुलाई 2024 से भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 23 के तहत कम्युनिटी सर्विस की सजा को लागू किया जाएगा। इसमें दोषी व्यक्ति को बिना मेहनताना दिए सामुदायिक सेवाओं में काम करना होगा। यह सेवा किसी एनजीओ के लिए, सामुदायिक संस्थाओं के साथ, साफ-सफाई के कार्यों में, पब्लिक प्लेस से कचरा उठाने या अन्य जनहित कार्यों में शामिल हो सकती है।
किन अपराधों में मिलेगी कम्युनिटी सर्विस की सजा?
1. धारा 202 : सरकारी सेवक का कारोबार में शामिल होना
– सजा: 1 साल की जेल, जुर्माना, या दोनों के साथ कम्युनिटी सर्विस।
2. धारा 209 : कोर्ट के समन पर पेश न होना
– सजा: 3 साल की जेल, जुर्माना, या दोनों के साथ कम्युनिटी सर्विस।
3. धारा 226 : सरकारी सेवक की काम में बाधा डालने के मकसद से आत्महत्या की कोशिश
– सजा: 1 साल की जेल, जुर्माना, या दोनों के साथ कम्युनिटी सर्विस।
4. धारा 303 : 5000 रुपये से कम कीमत की संपत्ति की चोरी
– सजा: संपत्ति लौटाने पर कम्युनिटी सर्विस।
5. धारा 355 : नशे की हालत में सार्वजनिक स्थान पर हुड़दंग मचाना
– सजा: 24 घंटे की जेल, 1000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों के साथ कम्युनिटी सर्विस।
6. धारा 356 : बोलकर, लिखकर, इशारे से या किसी भी तरीके से मानहानि करना
– सजा: 2 साल तक की जेल, जुर्माना, या दोनों के साथ कम्युनिटी सर्विस।
कम्युनिटी सर्विस की अवधि
BNS के अनुसार, अगर किसी अपराध में जुर्माना या कम्युनिटी सर्विस की सजा का प्रावधान है तो जुर्माना न देने पर कम्युनिटी सर्विस की सजा दी जाएगी। जुर्माने की रकम के अनुसार, कम्युनिटी सर्विस की अवधि निम्न होगी:
– 5000 रुपये जुर्माने पर: 2 महीने सेवा।
– 10,000 रुपये जुर्माने पर: 4 महीने सेवा।
– कुछ मामलों में: 1 साल तक सेवा।
यह नई सजा व्यवस्था दोषियों को सुधारने और समाज की भलाई के लिए कार्य करने का मौका प्रदान करेगी। इससे न्याय प्रणाली में सुधार और समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है।