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भारत में तेजी से फैल रहा कैंसर, पुरुषों में फेफड़ों और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले अधिक

नई दिल्ली। भारत में कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 तक देश में कैंसर के मामलों की संख्या 15 लाख के पार पहुंच गई है।

कैंसर के मामलों में वृद्धि
2021 में कैंसर के मामलों की संख्या थी: 14,26,447
2022 में कैंसर के मामलों की संख्या थी: 14,61,427
2023 में कैंसर के मामलों की संख्या थी: 14,96,972

जीवनकाल में कैंसर का जोखिम
देश में कैंसर के मामले मुख्य रूप से पुरुषों में फेफड़ों के कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के रूप में सामने आ रहे हैं। बच्चों में (14 वर्ष तक) लिम्फोइड ल्यूकेमिया का खतरा अधिक पाया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, 2025 तक कैंसर के मामलों में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि होने की संभावना है।

कैंसर के कारण और समाधान

1. लाइफस्टाइल में बदलाव: धूम्रपान, शराब का सेवन, शारीरिक गतिविधियों की कमी और मोटापा कैंसर के बढ़ते मामलों के प्रमुख कारण हैं।


2. पर्यावरणीय कारक: प्रदूषण, धूल और बिल्डिंग मटीरियल से निकलने वाले सूक्ष्म कण फेफड़ों के लिए खतरनाक होते हैं। वहीं, हेपेटाइटिस बी और सी वायरस से संक्रमण लीवर और पित्त नली के कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।


3. स्वास्थ्य जागरूकता और स्क्रीनिंग: शुरुआती पहचान और बेहतर डायग्नोस्टिक तकनीक से कैंसर का इलाज संभव है, जिससे मरीजों को समय रहते उपचार मिल सकता है।



मोदी सरकार की पहल
केंद्र सरकार के तीन मंत्रालय कैंसर से बचाव के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय: “ईट राइट इंडिया मूवमेंट” के तहत स्वस्थ आहार को बढ़ावा दिया जा रहा है।

युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय: “फिट इंडिया मूवमेंट” के तहत फिटनेस को बढ़ावा दिया जा रहा है।

आयुष मंत्रालय: योग और आयुर्वेद से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

कैंसर के मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए सरकार और समाज दोनों को मिलकर जागरूकता फैलानी होगी। स्वास्थ्य के प्रति सजगता और लाइफस्टाइल में सुधार ही कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।

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