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ब्रेकिंग न्यूज़ | मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला!

वक्फ कृषि भूमि की लीज नीलामी को कोर्ट की हरी झंडी – याचिका खारिज

भोपाल। वक्फ संपत्तियों को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डबल बेंच ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने वक्फ बोर्ड की कृषि भूमि की लीज नीलामी को पूरी तरह वैध करार दिया है और इस संबंध में दाखिल जनहित याचिका को खारिज कर दिया है।

यह याचिका अमीर आज़ाद अंसारी द्वारा दाखिल की गई थी, जिसमें वक्फ कृषि भूमि की लीज प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे। लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को “बेबुनियाद” बताते हुए स्पष्ट किया कि इसमें कानून की गलत व्याख्या की गई है और जनहित के नाम पर कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया गया।

कोर्ट के दो टूक निर्देश:

वक्फ बोर्ड की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) डॉ. फरज़ाना ग़ज़ल की नियुक्ति पूरी तरह वैध मानी गई है। वर्ष 1994 के पुराने परिपत्र को अब अमान्य घोषित कर दिया गया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 2014 के नवीन वक्फ नियमों के अनुसार, वक्फ बोर्ड को अपनी कृषि भूमि को लीज पर देने या नीलामी करने का पूरा अधिकार है।

न्यायाधीशों की टिप्पणी:

“अब जनहित याचिका की आड़ में कानून की गलत व्याख्या कर अदालत को भ्रमित करने की कोशिशें बर्दाश्त नहीं होंगी।”



वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सनवर पटेल ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि “यह फैसला हमारी कार्यप्रणाली की वैधता को प्रमाणित करता है। हम न्यायपालिका की स्पष्टता और दृढ़ता को सलाम करते हैं।”
इस फैसले के बाद राज्यभर में वक्फ बोर्ड द्वारा कृषि भूमि के बेहतर उपयोग और राजस्व सृजन की संभावनाओं को नया आधार मिल गया है। वहीं यह भी स्पष्ट हो गया है कि अब न्यायालय जनहित याचिकाओं की आड़ में की जा रही राजनीति पर सख्त रुख अपनाएगा।

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