आतिशी बनीं दिल्ली की मुख्यमंत्री: सियासी सफर की खास बातें
नई दिल्ली । दिल्ली को 2024 में एक नई मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी मिल गई हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) की सशक्त नेता और शिक्षामंत्री आतिशी को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह पहली बार है जब आतिशी, जो 2020 में कालकाजी से विधायक बनी थीं और 2023 में दिल्ली की कैबिनेट में मंत्री का पद संभाला था, अब दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।
### आतिशी का राजनीतिक सफर
आतिशी की राजनीतिक यात्रा बहुत ही प्रभावशाली रही है। उन्होंने 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में AAP के चुनावी घोषणापत्र के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में वह पूर्वी दिल्ली से चुनाव हार गईं, लेकिन उन्होंने 2020 में कालकाजी विधानसभा से जीत दर्ज कर अपनी सियासी पहचान मजबूत की।
2023 में, आतिशी ने दिल्ली सरकार में मंत्री के रूप में काम किया, जहां शिक्षा और अन्य महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी उनके पास रही। अरविंद केजरीवाल की सरकार में आतिशी को सबसे प्रभावशाली मंत्री माना जाता है।
### शिक्षा में योगदान और पहचान
आतिशी को दिल्ली की शिक्षा क्रांति का मुख्य चेहरा माना जाता है। वह लंबे समय तक मनीष सिसोदिया की सलाहकार रहीं और शिक्षा में सुधार की रणनीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरकारी स्कूलों में सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों का श्रेय उन्हें जाता है।
### आतिशी का व्यक्तिगत जीवन और शैक्षणिक योग्यता
आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और त्रिप्ता वाही के घर हुआ था। उन्होंने स्प्रिंगडेल स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की और फिर सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से शेवनिंग छात्रवृत्ति पर मास्टर की डिग्री प्राप्त की और रोड्स स्कॉलर के रूप में एक और मास्टर डिग्री भी हासिल की।
आतिशी का जीवन राजनीति से पहले शिक्षा और सामाजिक कार्यों से जुड़ा रहा है। उन्होंने मध्य प्रदेश के एक गांव में जैविक खेती और शिक्षा प्रणाली पर काम किया। आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं से उनकी पहली मुलाकात इसी दौरान हुई थी, और वह पार्टी के गठन से ही इसके साथ सक्रिय रूप से जुड़ी रही हैं।
### मुख्यमंत्री बनने की प्रक्रिया
मंगलवार को अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई बैठक में विधायकों के दल ने सर्वसम्मति से आतिशी के नाम का समर्थन किया। अरविंद केजरीवाल ने खुद उनका नाम प्रस्तावित किया, जिसे सभी विधायकों ने सहमति दी। आतिशी का नाम शुरू से ही मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे था।
आतिशी ने अपने राजनीतिक और सामाजिक कार्यों से दिल्ली की राजनीति में एक सशक्त पहचान बनाई है। अब मुख्यमंत्री पद की नई जिम्मेदारी के साथ उनके भविष्य की योजनाओं पर सबकी निगाहें टिकी होंगी।