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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अश्विनी वैष्णव ने किया ITMS और RCRIV का निरीक्षण, ट्रैकमैन के जीवन में लाएंगे बदलाव

नई दिल्ली: रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एकीकृत ट्रैक निगरानी प्रणाली (ITMS) और रेल-सह-रोड निरीक्षण वाहन (RCRIV) का निरीक्षण किया। इस दौरान रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ सतीश कुमार, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार वर्मा, और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

ITMS और RCRIV से क्या बदलेंगे ट्रैकमैन के हालात?

मंत्री ने कहा कि यह तकनीक न केवल ट्रैक की सुरक्षा और रखरखाव में सुधार करेगी, बल्कि ट्रैकमैन और अन्य रेल कर्मचारियों का जीवन भी बेहतर बनाएगी।

रियल टाइम डेटा की उपलब्धता से ट्रैकमैन का काम अधिक सुरक्षित और प्रभावी हो जाएगा।

यह प्रणाली रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा और दक्षता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।


ITMS: उन्नत तकनीक से लैस निगरानी प्रणाली

इंटीग्रेटेड ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम (ITMS) रेलवे ट्रैक की जियोमेट्री, कंडीशन और रखरखाव की निगरानी के लिए डिज़ाइन की गई है। यह प्रणाली ट्रैक रिकॉर्डिंग कार (TRC) पर लगाई जाती है और लेजर सेंसर, हाई-स्पीड कैमरे, LIDAR, IMU, GPS जैसी तकनीकों का उपयोग करती है।

ITMS की खासियतें:

1. ट्रैक जियोमेट्री मापन प्रणाली: गेज, कैंट, क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर संरेखण को मापता है।


2. रेल प्रोफाइल और वियर मापन प्रणाली: रेल की स्थिति का आकलन करता है।


3. ट्रैक कंपोनेंट मॉनिटरिंग: वीडियो निरीक्षण से ट्रैक घटकों में दोषों की पहचान।


4. रियल टाइम अलर्ट: खराब स्थानों की तत्काल पहचान और SMS/ईमेल अलर्ट।


5. रियर विंडो वीडियो रिकॉर्डिंग: ट्रैक और आसपास के वातावरण की स्थिति का आकलन।



RCRIV: रेल और सड़क पर काम करने वाला निरीक्षण वाहन

रेल-सह-रोड निरीक्षण वाहन (RCRIV) टाटा योद्धा मॉडल से संशोधित किया गया है।

इसमें लोहे के पहिये और 3 कैमरे हैं, जो ट्रैक रिकॉर्डिंग करते हैं।

यह वाहन ट्रैक पर 15 दिनों तक डेटा का बैकअप रख सकता है।


रेलवे नेटवर्क में व्यापक बदलाव की तैयारी

अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि ITMS को सभी रेलवे जोनों में लागू किया जाएगा। 2022-23 और 2023-24 में 3 ITMS लॉन्च किए गए हैं। यह प्रणाली भारतीय रेलवे की 2.54 लाख किमी ट्रैक लंबाई की निगरानी और रिकॉर्डिंग को सुनिश्चित करेगी।

इस कदम से रेलवे सुरक्षा, ट्रैकमैन की कार्यक्षमता और रेलवे ऑपरेशन की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है।

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