
हरियाणा के झज्जर जिले में स्थित हरदयाल पब्लिक स्कूल, जो भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष के परिवार के स्वामित्व में है, हाल ही में विवादों में घिर गया है। इस स्कूल में NEET परीक्षा का आयोजन किया गया था, जिसमें 504 छात्रों ने हिस्सा लिया।
परीक्षा परिणामों में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। यहां छह छात्रों ने 720 में से पूरे 720 अंक प्राप्त किए, जबकि दो छात्रों को 119 और 118 अंक मिले। यह संदेहास्पद है क्योंकि NEET परीक्षा में एक प्रश्न न करने पर 720 में से 4 अंक घट जाते हैं और गलत उत्तर देने पर 5 अंक कम हो जाते हैं। इसके अलावा, 12 असफल छात्रों को ग्रेस अंक देकर पास कर दिया गया, जिससे वे अयोग्य होते हुए भी पात्र बन गए।
इस घटना ने भाजपा से जुड़े परीक्षा केंद्रों में हो रही धांधली की ओर ध्यान आकर्षित किया है। इससे पहले मध्यप्रदेश में पटवारी परीक्षा घोटाले का उदाहरण सामने आया था, जिसका आज तक समाधान नहीं हुआ है।
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने इस घोटाले को गंभीर अपराध बताया है। उन्होंने कहा, “नीट घोटाला लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। यदि मोदी सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष परीक्षा आयोजित करने में अक्षम है, तो हम ऐसा करेंगे।”
युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। एक युवा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “हरियाणा में भाजपा सरकार है, यूपी सिपाही परीक्षा का पेपर लीक गुजरात से हुआ, और परीक्षा यूपी में हुई। तीनों भाजपा शासित राज्य हैं।”
रोहित सिंह का कहना है कि NEET की 30 हजार सीटें बेची गई हैं और इसमें गुजराती गिरोह का हाथ है। वहीं, अलख पांडेय ने NEET परीक्षा धांधली को लेकर अंजना ओम कश्यप को तगड़ा जवाब दिया।
इस घटना ने शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और तत्कालीन जांच की मांग की जा रही है।