भारत और स्विट्जरलैंड के बीच रेल क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए समझौता, रेलवे विकास को मिलेगी नई गति

नई दिल्ली। भारत और स्विट्जरलैंड के बीच रेलवे क्षेत्र में तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता हुआ है। यह समझौता रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और स्विस रेल के प्रमुख अल्बर्ट रोएस्टि के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपन्न हुआ।

इस कार्यक्रम की शुरुआत में स्विट्जरलैंड में भारत के राजदूत मृदुल कुमार ने स्विस फेडरल काउंसलर और DETEC के प्रमुख अल्बर्ट रोएस्टि का शॉल भेंट कर स्वागत किया। अपने संबोधन में अल्बर्ट रोएस्टि ने कहा कि भारत और स्विट्जरलैंड के बीच रेलवे क्षेत्र में सहयोग से न केवल तकनीकी दक्षता बढ़ेगी, बल्कि भारत के रेलवे नेटवर्क को नई दिशा भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्विस तकनीक भारतीय रेल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “भारत सरकार का उद्देश्य पूरे देश में सुरक्षित और तेज रेल नेटवर्क स्थापित करना है। रेलवे के तकनीकी उन्नयन और संरचना विकास के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस समझौते से पटरियों के रखरखाव, प्रबंधन और निर्माण के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग होगा, जिससे भारतीय रेल को तकनीकी मजबूती मिलेगी।”

समझौते से किन क्षेत्रों में होगा फायदा

इस समझौते के तहत दोनों देश ट्रैक्शन रोलिंग स्टॉक, ईएमयू, ट्रैक्शन प्रोपल्शन उपकरण, और टिल्टिंग ट्रेन तकनीक के क्षेत्र में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। इसके अलावा माल और यात्री गाड़ियों, रेलवे स्टेशन आधुनिकीकरण, मल्टीमॉडल परिवहन, विद्युतीकरण उपकरण और टनलिंग तकनीक पर भी मिलकर काम होगा। यह सहयोग रेलवे संचालन और शेड्यूलिंग में सुधार लाने के साथ-साथ टर्नआउट दक्षता बढ़ाने में मददगार साबित होगा।

दोनों देशों के संबंधों को मिलेगी मजबूती

इस समझौते को भारत और स्विट्जरलैंड के बीच पहले से हुए समझौतों का विस्तार माना जा रहा है। दोनों देशों ने रेलवे के क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी विकास को प्रोत्साहन देने की प्रतिबद्धता जताई है। यह समझौता न केवल व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा, बल्कि वैश्विक रेलवे क्षेत्र में एक नया मानदंड स्थापित करने में भी सहायक होगा।

इस कार्यक्रम के अंत में दोनों पक्षों ने रेलवे प्रणाली में नवीनतम तकनीकों को शामिल कर सहयोग को और मजबूत बनाने का संकल्प लिया। भारत और स्विट्जरलैंड के बीच इस प्रकार का सहयोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेलवे क्षेत्र में नए आयाम जोड़ने में मदद करेगा।

निष्कर्ष
इस समझौते से भारतीय रेलवे को अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएं मिलने की उम्मीद है, जिससे यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

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