एयरबस और भारतीय रेलवे के गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) वडोदरा के बीच समझौता: एयरोस्पेस शिक्षा और अनुसंधान को मिलेगा बढ़ावा

नई दिल्ली । गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) वडोदरा और एयरबस ने भारतीय विमानन क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत एयरोस्पेस शिक्षण और अनुसंधान में उन्नति का लक्ष्य रखा गया है।
प्रमुख समझौते और उनका महत्व
सितंबर 2023 में हस्ताक्षरित एमओयू को आगे बढ़ाते हुए, एयरबस इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, श्री रेमी मेलार्ड, और जीएसवी के कुलपति, प्रो. मनोज चौधरी ने नई दिल्ली में निर्णायक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, नागरिक उड्डयन मंत्री श्री किंजरापु राममोहन नायडू, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
जीएसवी और एयरबस के बीच सहयोग के प्रमुख बिंदु
– पूर्ण छात्रवृत्ति: जीएसवी के 40 छात्रों के लिए पूर्ण छात्रवृत्ति कार्यक्रम।
– उत्कृष्टता केंद्र: जीएसवी में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना।
– एविएशन चेयर प्रोफेसर: जीएसवी में एयरबस एविएशन चेयर प्रोफेसर पद की स्थापना।
– विशेष प्रशिक्षण: विमानन क्षेत्र में कार्यरत पेशेवरों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम।
नेताओं की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजनाएं
अश्विनी वैष्णव ने इस समझौते को प्रधानमंत्री मोदी की “सबका साथ सबका विकास” की भावना का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि यह पहल रेलवे, नागरिक उड्डयन, शिपिंग, और अन्य परिवहन क्षेत्रों में समग्र विकास को बढ़ावा देगी।
किंजरापु राममोहन नायडू ने बताया कि नागरिक उड्डयन भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है। उन्होंने जीएसवी को मास्टर्स और पीएचडी कार्यक्रम शुरू करने के लिए प्रेरित किया और एयरबस के साथ इस समझौते को एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
एयरबस के अध्यक्ष रेमी मेलार्ड ने कहा कि यह साझेदारी भारत के ‘कौशल भारत’ कार्यक्रम को सशक्त बनाएगी और 15,000 छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगी।
जीएसवी के कुलपति प्रो. मनोज चौधरी ने इस सहयोग को जीएसवी के उद्योग-संचालित और नवाचार-आधारित विश्वविद्यालय बनने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने एयरबस के योगदान की सराहना की और कहा कि यह सहयोग भारत में विमानन क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहित करेगा।
गति शक्ति विश्वविद्यालय: परिचय और उद्देश्य
2022 में स्थापित जीएसवी वडोदरा, संपूर्ण परिवहन और रसद क्षेत्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ श्रेणी की जनशक्ति और प्रतिभा का निर्माण करने का लक्ष्य रखता है। यह केंद्रीय विश्वविद्यालय भारत सरकार के रेल मंत्रालय द्वारा प्रायोजित है और इसके पहले कुलाधिपति श्री अश्विनी वैष्णव हैं। जीएसवी का विशेष ध्यान परिवहन और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय विकास योजनाओं जैसे पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 2021 और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति 2022 को पूरा करना है।